स्कूल शिक्षा में चंडीगढ़ अव्वल, मेघालय सबसे पीछे: परफॉर्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स रिपोर्ट 2023-24

हाल ही में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी ‘परफॉर्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स (PGI) 2.0’ रिपोर्ट में चंडीगढ़ को 2023-24 के लिए देश का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाला राज्य घोषित किया गया है। वहीं, मेघालय को सबसे निचले पायदान पर रखा गया है। यह रिपोर्ट स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता, पहुंच, अधोसंरचना, शिक्षक प्रशिक्षण जैसे कुल 1,000 अंकों पर आधारित विभिन्न मानकों पर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का मूल्यांकन करती है।
चंडीगढ़ का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन
चंडीगढ़ ने 719 अंक प्राप्त कर ‘प्रयत्न-1’ श्रेणी में एकमात्र राज्य के रूप में स्थान पाया है, जो 701 से 760 अंकों के बीच की श्रेणी है। यह इस बात का संकेत है कि चंडीगढ़ ने शिक्षा के विभिन्न मानकों पर व्यापक प्रगति की है। हालांकि, किसी भी राज्य ने 761 से 1,000 अंकों की उच्चतम श्रेणी को प्राप्त नहीं किया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि सुधार की अभी भी बड़ी गुंजाइश है।
अन्य राज्यों की स्थिति
‘प्रयत्न-3’ श्रेणी (581-640 अंक) में पंजाब, दिल्ली, गुजरात, ओडिशा, केरल, दादरा नगर हवेली व दमन दीव, हरियाणा, गोवा, महाराष्ट्र और राजस्थान शामिल हैं। वहीं, ‘आकांक्षी-3’ श्रेणी (401-460 अंक) में मेघालय को रखा गया है, जो रिपोर्ट में सबसे नीचे है।
‘आकांक्षी-2’ श्रेणी (461-520 अंक) में शामिल राज्य हैं – तेलंगाना, असम, झारखंड, त्रिपुरा, मणिपुर, छत्तीसगढ़, बिहार, नागालैंड, मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश। इन राज्यों को स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए और अधिक प्रयासों की आवश्यकता है।
मध्य श्रेणी यानी ‘आकांक्षी-1’ (521-580 अंक) में पुदुचेरी, हिमाचल प्रदेश, अंडमान व निकोबार द्वीप समूह, तमिलनाडु, कर्नाटक, लक्षद्वीप, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, सिक्किम, उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड और लद्दाख जैसे 14 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- परफॉर्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स 2.0 स्कूली शिक्षा के 70 से अधिक संकेतकों पर आधारित मूल्यांकन प्रणाली है।
- प्रयत्न-1 वह उच्च श्रेणी है जिसमें केवल वही राज्य आते हैं जो 701-760 अंक प्राप्त करते हैं; 2023-24 में केवल चंडीगढ़ इस श्रेणी में था।
- दिल्ली, जम्मू-कश्मीर और तेलंगाना ने अधोसंरचना सुधार क्षेत्र में सबसे अधिक प्रगति दर्ज की।
- बिहार और तेलंगाना ने स्कूली पहुंच के क्षेत्र में सबसे अधिक सुधार किया, विशेषकर नामांकन और बच्चों की रुकावट दर में।
निष्कर्ष
PGI 2.0 रिपोर्ट से यह स्पष्ट है कि देश के कुछ राज्य स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति कर रहे हैं, लेकिन अधिकांश राज्यों को अभी भी गुणवत्ता, अधोसंरचना और समावेशन के क्षेत्रों में सुधार की आवश्यकता है। इस रिपोर्ट से मिली जानकारी नीति-निर्माताओं और राज्य सरकारों के लिए एक दिशा-निर्देशक के रूप में कार्य कर सकती है, जिससे बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित की जा सके।