सोनभद्र का सालखन फॉसिल पार्क: विश्व धरोहर बनने की ओर एक ऐतिहासिक कदम

उत्तर प्रदेश के लिए यह गर्व का क्षण है कि सोनभद्र जिले में स्थित सालखन फॉसिल पार्क को हाल ही में यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की संभावित सूची में शामिल किया गया है। यह न केवल राज्य की भूवैज्ञानिक धरोहर की अंतरराष्ट्रीय मान्यता की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, बल्कि विज्ञान, अनुसंधान और पर्यटन के क्षेत्र में भी नए अवसरों के द्वार खोलता है।
दुनिया के सबसे प्राचीन जीवाश्मों का घर
सालखन गांव के पास स्थित यह पार्क कैमूर पर्वत श्रृंखला में फैला है और लगभग 25 हेक्टेयर क्षेत्र में विस्तारित है। यहां 1.4 अरब वर्ष पुराने स्ट्रोमैटोलाइट्स पाए जाते हैं, जो कि प्राचीन सायनोबैक्टीरिया (नीली-हरित शैवाल) द्वारा निर्मित परतदार अवसादी संरचनाएं हैं। ये जीवाश्म मेसोपोटेरोज़ोइक युग (1.6 से 1.0 अरब वर्ष पूर्व) से संबंधित हैं और पृथ्वी पर जीवन की सबसे प्रारंभिक झलक प्रदान करते हैं।
भूवैज्ञानिक मान्यताओं को चुनौती देने वाला स्थल
सालखन फॉसिल पार्क ने भूवैज्ञानिकों की वर्षों पुरानी मान्यताओं को बदल दिया है। पहले यह माना जाता था कि जीवन लगभग 570 मिलियन वर्ष पूर्व अस्तित्व में आया, लेकिन यहां मिले जीवाश्म उससे कहीं अधिक पुराने हैं। यह स्थान पृथ्वी की प्रारंभिक जैवमंडलीय और महासागरीय पारिस्थितिकी प्रणालियों की नई समझ प्रदान करता है।
फॉसिल पार्क की स्थापना और वैज्ञानिक मान्यता
हालांकि इस क्षेत्र में सर्वेक्षण 1930 के दशक से ही हो रहे थे, लेकिन इसे 2002 में आधिकारिक रूप से जीवाश्म पार्क के रूप में खोला गया। उसी वर्ष कनाडाई भूविज्ञानी एच. जे. हॉफमैन सहित 42 अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों ने यहां कार्यशाला में भाग लिया और जीवाश्मों को “सुंदर और स्पष्ट” बताया।
इको-पर्यटन और यूनेस्को सूची में शामिल होने की प्रक्रिया
उत्तर प्रदेश सरकार ने पार्क के विकास के लिए ₹1.5 करोड़ की राशि स्वीकृत की है, जिसमें प्रकृति पथ, सुरक्षा, और व्याख्या केंद्र शामिल हैं। 26 जून 2024 को उत्तर प्रदेश इको-टूरिज्म विकास बोर्ड और लखनऊ स्थित बिरबल साहनी जीवाश्म विज्ञान संस्थान के बीच हुए समझौता ज्ञापन (MoU) के बाद वैज्ञानिक दस्तावेजीकरण तेज हुआ है। यह दस्तावेज 2026 तक यूनेस्को को अंतिम नामांकन के लिए प्रस्तुत किया जाएगा।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- सालखन फॉसिल पार्क में 1.4 अरब वर्ष पुराने स्ट्रोमैटोलाइट्स पाए गए हैं, जो पृथ्वी के प्रारंभिक जीवन के प्रमाण हैं।
- यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल होने की प्रक्रिया में पहली सीढ़ी ‘Tentative List’ है, जिसमें अब यह पार्क शामिल हो चुका है।
- पार्क सोनभद्र जिले के रॉबर्ट्सगंज से लगभग 15 किमी दूर SH‑5A पर स्थित है।
- यह साइट ऑस्ट्रेलिया के शार्क बे और अमेरिका के येलोस्टोन से भी अधिक प्राचीन मानी जा रही है।
सालखन फॉसिल पार्क का यूनेस्को सूची में स्थान पाना उत्तर प्रदेश के इको-पर्यटन और वैज्ञानिक महत्व को वैश्विक मानचित्र पर ले जाता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा की जा रही पहलें—जैसे कि विंस्टाडोम कोच वाले पर्यटक रेलमार्ग—इको-पर्यटन को नए आयाम दे रहे हैं। यदि सब कुछ योजना के अनुसार चला, तो अगले दो वर्षों में सालखन फॉसिल पार्क को स्थायी विश्व धरोहर का दर्जा मिल सकता है।