सेबी ने मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर संस्थानों के लिए नए गवर्नेंस नियम किए लागू
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने बाजार से जुड़ी प्रमुख संस्थाओं की निगरानी और संचालन को और मजबूत बनाने के उद्देश्य से मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर इंस्टीट्यूशंस के लिए नए गवर्नेंस मानदंडों में संशोधन किया है। इन नए निर्देशों का उद्देश्य सार्वजनिक हित की सुरक्षा, पारदर्शिता और परिचालन अखंडता को बेहतर बनाना है। सेबी द्वारा जारी यह दिशा-निर्देश 20 दिसंबर 2025 से प्रभावी होंगे।
वरिष्ठ प्रबंधन की भूमिकाओं में स्पष्टता
शुक्रवार को जारी एक सर्कुलर के माध्यम से सेबी ने मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर संस्थानों में वरिष्ठ प्रबंधन की जिम्मेदारियों को स्पष्ट करने के लिए अहम बदलावों की घोषणा की। इसके तहत महत्वपूर्ण संचालन और नियामकीय अनुपालन संभालने वाले कार्यकारी निदेशकों को अब अनिवार्य रूप से गवर्निंग बोर्ड का सदस्य बनाया जाएगा। इन पदों पर नियुक्ति खुले विज्ञापन के माध्यम से की जाएगी, जिससे चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता और योग्यता आधारित व्यवस्था सुनिश्चित हो सके।
कार्यकारी निदेशकों की नियुक्ति और निगरानी
सेबी ने यह भी अनिवार्य किया है कि कार्यकारी निदेशकों के वेतन और नियुक्ति की शर्तों को पहले नियामक की स्वीकृति लेनी होगी। इसके अलावा, उनके वेतन या सेवा शर्तों में किसी भी प्रकार का बदलाव बिना बोर्ड की मंजूरी के नहीं किया जा सकेगा। निरंतरता और प्रभावी नियामकीय निगरानी के लिए एमआईआई को मौजूदा कार्यकारी निदेशक के कार्यकाल समाप्त होने से कम से कम दो महीने पहले प्रस्तावित नाम सेबी को भेजना होगा।
रिपोर्टिंग संरचना और प्रदर्शन मूल्यांकन
संशोधित ढांचे के अनुसार कार्यकारी निदेशक सीधे प्रबंध निदेशक को रिपोर्ट करेंगे। उनके प्रदर्शन का मूल्यांकन स्वतंत्र रूप से नामित समितियों द्वारा किया जाएगा। इसके साथ ही, कार्यकारी निदेशकों को अपने-अपने कार्यक्षेत्र से जुड़े मामलों पर गवर्निंग बोर्ड को तिमाही रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। आवश्यकता पड़ने पर वे सीधे सेबी को भी महत्वपूर्ण मुद्दों की जानकारी दे सकेंगे, जिससे नियामक के साथ संवाद और मजबूत होगा।
कार्यान्वयन समय-सीमा और संरचनात्मक बदलाव
सेबी के निर्देशों के अनुसार, एमआईआई को लागू तिथि से छह महीने के भीतर पहले और नौ महीने के भीतर दूसरे कार्यकारी निदेशक की नियुक्ति करनी होगी। साथ ही, मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी और मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारी जैसे प्रमुख प्रबंधकीय पदों की रिपोर्टिंग संरचना में भी बदलाव किया गया है, जिन्हें अब संबंधित कार्यकारी निदेशकों को रिपोर्ट करना होगा। इसके अतिरिक्त संस्थानों को अपने उपविधियों में संशोधन, आंतरिक प्रणालियों का उन्नयन और बाजार सहभागियों को औपचारिक सूचना देना अनिवार्य होगा।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर संस्थानों में स्टॉक एक्सचेंज, क्लियरिंग कॉरपोरेशन और डिपॉजिटरी शामिल होती हैं।
- सेबी के संशोधित गवर्नेंस निर्देश 20 दिसंबर 2025 से लागू होंगे।
- अब कार्यकारी निदेशक एमआईआई के गवर्निंग बोर्ड का अनिवार्य हिस्सा होंगे।
- इन संशोधनों को सेबी बोर्ड ने सितंबर 2025 की बैठक में मंजूरी दी थी।
कुल मिलाकर, सेबी द्वारा किए गए ये गवर्नेंस सुधार भारतीय पूंजी बाजार की संस्थागत मजबूती की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं। इससे न केवल नियामकीय निगरानी सशक्त होगी, बल्कि बाजार की विश्वसनीयता, पारदर्शिता और दीर्घकालिक स्थिरता को भी नई मजबूती मिलेगी।