सेप्सिस से जूझ रहे गंभीर मरीजों की जान बचाने में कारगर साबित हो रही हैं स्टैटिन दवाएं

स्टैटिन दवाएं, जो आमतौर पर ‘खराब’ कोलेस्ट्रॉल को कम करने और हृदय रोगों की रोकथाम में प्रयोग की जाती हैं, अब एक नई आशा के रूप में उभर रही हैं। हाल ही में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, सेप्सिस से पीड़ित गंभीर मरीजों में स्टैटिन दवाओं का उपयोग मौत के खतरे को लगभग 39 प्रतिशत तक कम कर सकता है।
स्टैटिन दवाएं: एक संभावित जीवनरक्षक विकल्प
सेप्सिस वह स्थिति होती है जब शरीर की रोग प्रतिरोधक प्रणाली संक्रमण के प्रति अत्यधिक प्रतिक्रिया देती है, जिससे गंभीर सूजन, अंगों को नुकसान और मृत्यु का खतरा उत्पन्न हो सकता है। स्टैटिन दवाओं की सूजन-रोधी, प्रतिरक्षात्मक और एंटीऑक्सीडेंट गुणों के चलते अब इन्हें सूजनजनित बीमारियों में भी उपयोग करने पर विचार किया जा रहा है।
डॉ. कैफेंग ली, टियानजिन मेडिकल यूनिवर्सिटी जनरल हॉस्पिटल, चीन की एसोसिएट प्रोफेसर और अध्ययन की प्रमुख लेखिका के अनुसार, “स्टैटिन दवाएं अत्यधिक सूजन को नियंत्रित करने, रक्त नलिकाओं की कार्यक्षमता को सुधारने, और संभवतः जीवाणुरोधी प्रभाव दिखाने में सक्षम हैं।”
अध्ययन के मुख्य निष्कर्ष
यह अध्ययन अमेरिका के बोस्टन स्थित बेथ इस्राएल डीकॉनेस मेडिकल सेंटर में 2008 से 2019 के बीच भर्ती हुए 2.65 लाख से अधिक मरीजों के स्वास्थ्य रिकॉर्ड पर आधारित है। इन सभी मरीजों को सेप्सिस हुआ था और वे 24 घंटे से अधिक अस्पताल में भर्ती रहे थे।
- जिन मरीजों को स्टैटिन दी गई, उनमें 28 दिनों के भीतर मृत्यु दर 14.3% थी, जबकि बिना स्टैटिन समूह में यह 23.4% पाई गई।
- इससे यह सिद्ध होता है कि स्टैटिन लेने वाले समूह में मौत का खतरा 39 प्रतिशत तक कम हो गया।
- इसके अलावा, ICU में मृत्यु दर और अस्पताल में रहते हुए कुल मृत्यु दर भी स्टैटिन के उपयोग से कम हुई।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- सेप्सिस विश्व स्तर पर मृत्यु का एक प्रमुख कारण है, जो हर पांच में से एक मौत से जुड़ा हुआ पाया गया है।
- स्टैटिन दवाएं जैसे एटोरवास्टेटिन और रोसुवास्टेटिन, LDL (खराब कोलेस्ट्रॉल) को कम करती हैं और हृदय रोग की रोकथाम में मदद करती हैं।
- अध्ययन Frontiers in Immunology नामक जर्नल में प्रकाशित हुआ है।
- स्टैटिन में सूजन-रोधी (anti-inflammatory), प्रतिरक्षा-संशोधित करने वाली (immunomodulatory), और एंटीऑक्सीडेंट जैसे गुण होते हैं।
इस अध्ययन से यह स्पष्ट होता है कि स्टैटिन दवाएं सेप्सिस जैसे जानलेवा संक्रमण से लड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि इन निष्कर्षों की पुष्टि के लिए और गहन क्लिनिकल ट्रायल आवश्यक हैं। फिर भी, यह शोध गंभीर रूप से बीमार मरीजों के लिए जीवनदायिनी संभावनाओं का संकेत देता है और भविष्य में उपचार के नए रास्ते खोल सकता है।