सूरजमुखी तेल आपूर्ति में रूस बना भारत का सबसे बड़ा साझेदार

सूरजमुखी तेल आपूर्ति में रूस बना भारत का सबसे बड़ा साझेदार

भारत ने खाद्य तेल आपूर्ति की दिशा में एक बड़ा बदलाव करते हुए अब सूरजमुखी तेल का अधिकांश आयात रूस से करना शुरू कर दिया है। पहले यह स्थान यूक्रेन के पास था, लेकिन रूस ने अब 56% हिस्सेदारी के साथ भारत के लिए सबसे बड़ा सूरजमुखी तेल आपूर्तिकर्ता बनकर उसे पीछे छोड़ दिया है। यह बदलाव आपूर्ति श्रृंखला की स्थिरता और प्रतिस्पर्धात्मक मूल्य निर्धारण के कारण हुआ है।

यूक्रेन से रूस: व्यापारिक प्राथमिकता में बड़ा बदलाव

यूक्रेन युद्ध से पहले भारत के सूरजमुखी तेल आयात का मुख्य स्रोत काला सागर के बंदरगाहों के माध्यम से यूक्रेन हुआ करता था। लेकिन युद्ध शुरू होने के बाद यूक्रेन को अपने निर्यात को यूरोप के रेल और सड़क मार्ग से भेजना पड़ा, जिससे लागत बढ़ गई और आपूर्ति की विश्वसनीयता घट गई। इसके विपरीत, रूस ने अपने समुद्री बंदरगाहों के माध्यम से निरंतर और बिना बाधा आपूर्ति जारी रखी, जिससे भारत को सस्ता और भरोसेमंद विकल्प मिला। नतीजतन, भारतीय व्यापारियों ने रूसी तेल को प्राथमिकता देना शुरू किया।

भारत में रूसी तेल पर बढ़ती निर्भरता

आंकड़ों के अनुसार, 2021 में भारत ने रूस से केवल 1.75 लाख टन सूरजमुखी तेल आयात किया था, जबकि 2024 में यह आंकड़ा 20.9 लाख टन तक पहुंच गया। इसी अवधि में रूस की बाजार हिस्सेदारी 10% से बढ़कर 56% हो गई। इस वृद्धि का श्रेय स्थिर मूल्य, समय पर आपूर्ति और भारत-रूस के बीच व्यापारिक प्रतिनिधिमंडलों के माध्यम से मजबूत होते संबंधों को दिया जा रहा है। सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEA) जैसे संगठनों ने भी इस साझेदारी को मजबूत बताया है।

भारत का खाद्य तेल बाज़ार: एक संक्षिप्त विश्लेषण

भारत अपनी खाद्य तेल की कुल जरूरतों का लगभग 60% आयात करता है। सूरजमुखी तेल, पाम और सोयाबीन तेल के बाद तीसरे स्थान पर आता है। 2023–2024 में जब सूरजमुखी तेल की कीमतें पाम तेल से भी कम हो गईं, तब इसकी मांग में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई। हालांकि, हाल ही में इसमें $150 प्रति टन की वृद्धि दर्ज की गई है, जिससे 2025 में भारत का कुल सूरजमुखी तेल आयात 13% तक घट सकता है। फिर भी रूस की हिस्सेदारी 55–60% के बीच बनी रहने की संभावना है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • रूस अब भारत के कुल सूरजमुखी तेल आयात का 56% आपूर्ति करता है।
  • भारत ने 2024 में रूस से 20.9 लाख टन सूरजमुखी तेल आयात किया।
  • यूक्रेन युद्ध के कारण उसके काला सागर बंदरगाह बाधित हुए और उसकी बाजार हिस्सेदारी घटी।
  • भारत अपनी कुल खाद्य तेल आवश्यकता का लगभग 60% आयात करता है।

व्यापारिक दृष्टिकोण और भविष्य की रणनीति

भारत और रूस के बीच सूरजमुखी तेल व्यापार में बढ़ती मजबूती वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में अस्थिरता के बीच भारत की आयात रणनीति में विविधता लाने के प्रयास को दर्शाती है। जहां एक ओर रूस भारत को प्रतिस्पर्धी दरों और विश्वसनीय आपूर्ति की पेशकश कर रहा है, वहीं बढ़ती कीमतें कुल आयात को प्रभावित कर सकती हैं। इसलिए, मूल्य स्थिरता और दीर्घकालिक व्यापारिक साझेदारी को बनाए रखना इस रणनीतिक कृषि व्यापार के लिए आवश्यक होगा।

Originally written on November 3, 2025 and last modified on November 3, 2025.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *