सुशासन दिवस: जवाबदेही और जनकल्याण की प्रेरणा
भारत में प्रत्येक वर्ष 25 दिसंबर को सुशासन दिवस मनाया जाता है। यह दिन पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के अवसर पर मनाया जाता है और शासन में जवाबदेही, पारदर्शिता तथा जन-केंद्रित प्रशासन के मूल्यों को रेखांकित करता है। सुशासन दिवस का उद्देश्य ऐसी प्रशासनिक व्यवस्था को बढ़ावा देना है, जो सीधे नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाए।
अटल बिहारी वाजपेयी की विरासत और शासन दृष्टि
अटल बिहारी वाजपेयी ने तीन बार भारत के प्रधानमंत्री के रूप में देश का नेतृत्व किया। वे समावेशी राजनीति, लोकतांत्रिक मूल्यों और सहमति आधारित शासन के लिए जाने जाते थे। उनके कार्यकाल में राष्ट्रीय राजमार्गों का विस्तार, ग्रामीण सड़क परियोजनाएं, दूरसंचार नेटवर्क का सुदृढ़ीकरण और कई संस्थागत सुधार किए गए। वर्ष 1992 में उन्हें पद्म विभूषण और 2015 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया। उनकी शासन दर्शन आज भी प्रभावी, पारदर्शी और नागरिक-केंद्रित सेवा वितरण के लिए मार्गदर्शक बना हुआ है।
सुशासन सूचकांक: मापन का एक संस्थागत उपकरण
सुशासन के इन आदर्शों को संस्थागत रूप देने के लिए प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग ने 25 दिसंबर 2019 को सुशासन सूचकांक की शुरुआत की। यह एक विश्लेषणात्मक और बेंचमार्किंग उपकरण है, जो राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में शासन की गुणवत्ता का आकलन करता है। यह सूचकांक साक्ष्य-आधारित नीति निर्माण को प्रोत्साहित करता है और प्रतिस्पर्धात्मक सुधार की भावना को बढ़ावा देता है।
सूचकांक की संरचना और प्रमुख क्षेत्र
सुशासन सूचकांक में कुल दस व्यापक क्षेत्रों को शामिल किया गया है। इनमें कृषि एवं संबद्ध गतिविधियां, वाणिज्य एवं उद्योग, मानव संसाधन विकास, सार्वजनिक स्वास्थ्य, सार्वजनिक अवसंरचना, आर्थिक शासन, सामाजिक कल्याण, न्यायपालिका एवं सार्वजनिक सुरक्षा, पर्यावरण तथा नागरिक-केंद्रित शासन शामिल हैं। इन क्षेत्रों में 58 संकेतकों के माध्यम से प्रदर्शन का मूल्यांकन किया जाता है। तुलनात्मक निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को चार श्रेणियों में विभाजित किया गया है।
शासन प्रदर्शन और राष्ट्रीय प्रगति
सुशासन सूचकांक के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर पर कई क्षेत्रों में निरंतर प्रगति दर्ज की गई है। इनमें व्यापार सुगमता, स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच, बुनियादी ढांचे का विस्तार, डिजिटल सेवा वितरण और शिकायत निवारण तंत्र में सुधार शामिल हैं। प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग द्वारा आयोजित सम्मेलन और सहयोगात्मक पहलें श्रेष्ठ प्रथाओं, ई-गवर्नेंस और नवाचार को बढ़ावा देती हैं, जो विकसित भारत 2047 के दीर्घकालिक लक्ष्य के अनुरूप हैं।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- सुशासन दिवस प्रतिवर्ष 25 दिसंबर को मनाया जाता है।
- यह दिन पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती से जुड़ा है।
- सुशासन सूचकांक की शुरुआत वर्ष 2019 में की गई थी।
- सूचकांक 10 क्षेत्रों और 58 संकेतकों के आधार पर शासन का आकलन करता है।
कुल मिलाकर, सुशासन दिवस न केवल अटल बिहारी वाजपेयी की दूरदर्शी सोच को स्मरण करता है, बल्कि प्रशासन को अधिक उत्तरदायी, पारदर्शी और नागरिकों के प्रति संवेदनशील बनाने की निरंतर प्रेरणा भी देता है।