सुप्रिया साहू को मिला 2025 यूएन “चैम्पियंस ऑफ द अर्थ” पुरस्कार: पर्यावरण नेतृत्व की वैश्विक पहचान
भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) की वरिष्ठ अधिकारी सुप्रिया साहू को 2025 में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) द्वारा “Champions of the Earth” सम्मान से नवाजा गया है। उन्हें यह सम्मान “Inspiration and Action” श्रेणी में प्रदान किया गया, जो पर्यावरण संरक्षण में उनके क्रांतिकारी प्रयासों की अंतरराष्ट्रीय मान्यता है।
वैश्विक स्तर पर पर्यावरण नेतृत्व की सराहना
यूएनईपी का यह प्रतिष्ठित पुरस्कार उन व्यक्तियों और संस्थाओं को दिया जाता है जो पर्यावरणीय संकटों का व्यवहारिक और व्यापक समाधान प्रस्तुत करते हैं। सुप्रिया साहू के कार्यों में प्लास्टिक प्रदूषण में कमी, वन्यजीव संरक्षण और नवाचारी शीतलन तकनीकों का विकास प्रमुख हैं। यूएनईपी ने जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता हानि और प्रदूषण से निपटने में उनकी दीर्घकालिक भूमिका को अनुकरणीय बताया।
‘कूल रूफ प्रोजेक्ट’: शहरी गर्मी से राहत का मॉडल
तमिलनाडु में उनके नेतृत्व में विकसित ‘कूल रूफ प्रोजेक्ट’ को वैश्विक स्तर पर सराहा जा रहा है। चेन्नई के ‘लाइटहाउस प्रोजेक्ट’ के अंतर्गत 200 घरों की छतों पर विशेष हाई-रिफ्लेक्टिव पेंट लगाया गया, जिससे गर्मी के मौसम में घरों के अंदर का तापमान 5 से 8 डिग्री सेल्सियस तक कम हो गया। यूएनईपी ने इस पहल को “गेम चेंजर” करार देते हुए कहा कि यह पद्धति ऊर्जा की मांग घटाने और कमजोर समुदायों की रक्षा करने में कारगर सिद्ध हो सकती है।
सामुदायिक भागीदारी पर आधारित पर्यावरणीय दृष्टिकोण
अपने स्वीकृति भाषण में सुप्रिया साहू ने कहा कि पर्यावरणीय परिवर्तन तभी स्थायी हो सकता है जब उसमें सामूहिक जिम्मेदारी और समुदाय की भागीदारी हो। उन्होंने नीलगिरी और 2004 की सुनामी के अनुभवों का ज़िक्र करते हुए प्रकृति की सुरक्षा करने वाली शक्ति को रेखांकित किया। उनका संदेश था कि सरकार और नागरिकों दोनों को मिलकर पर्यावरण क्षरण से लड़ना होगा।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- सुप्रिया साहू को 2025 UN Champions of the Earth पुरस्कार मिला है।
- उन्हें “Inspiration and Action” श्रेणी में UNEP द्वारा सम्मानित किया गया।
- कूल रूफ प्रोजेक्ट के तहत घरों के तापमान में 5–8°C की कमी दर्ज की गई।
- यह पहल तमिलनाडु की Urban Heat Mitigation Strategy का हिस्सा है।
राज्य स्तर पर मान्यता और व्यापक प्रभाव
तमिलनाडु सरकार ने सुप्रिया साहू के योगदान की सराहना की, विशेष रूप से आर्द्रभूमि संरक्षण, मैंग्रोव विस्तार, प्रजातियों की रक्षा और प्लास्टिक अपशिष्ट नियंत्रण जैसे क्षेत्रों में। इस सम्मान से न केवल साहू के कार्यों को वैश्विक पहचान मिली है, बल्कि यह तमिलनाडु को सतत विकास के क्षेत्र में अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित करता है। साथ ही, यह भारत की जलवायु-संवेदनशील शहरी योजना में सामुदायिक भागीदारी के महत्व को रेखांकित करता है।
सुप्रिया साहू की यह उपलब्धि न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि यह दर्शाती है कि एक समर्पित नेतृत्व और स्थानीय भागीदारी से पर्यावरणीय परिवर्तन को जमीनी स्तर तक पहुंचाया जा सकता है।