सुकुत्रा द्वीप: जैव विविधता और मानवीय संकट का संगम

सुकुत्रा द्वीप, जिसे “हिंद महासागर का गैलापागोस” कहा जाता है, अपनी अद्वितीय वनस्पतियों और जीव-जंतुओं के लिए प्रसिद्ध है। यह द्वीप जैव विविधता की दृष्टि से अत्यंत समृद्ध है और 2008 में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त कर चुका है। हालाँकि, आज यह द्वीप न केवल पारिस्थितिकी संकट बल्कि गहरी मानवीय चुनौतियों का भी सामना कर रहा है।

सुकुत्रा द्वीप का भौगोलिक और राजनीतिक परिदृश्य

  • स्थिति: यमन से लगभग 340 किमी दक्षिण-पूर्व में, हिंद महासागर में, अफ्रीका के हॉर्न के समीप स्थित।
  • क्षेत्रफल: लगभग 3,796 वर्ग किलोमीटर।
  • भौगोलिक बनावट: तटीय मैदान, चूना-पत्थर पठार और कठोर हघीर पर्वतमाला।
  • राजनीतिक नियंत्रण: यमन का भाग, लेकिन संयुक्त अरब अमीरात (UAE) समर्थित बलों और साउदर्न ट्रांजिशनल काउंसिल (STC) के प्रभाव में। UAE यहां सैन्य और मानवीय उपस्थिति बनाए हुए है।

जैव विविधता का खजाना

  • विशेष वनस्पति और जीव: ड्रैगन ब्लड ट्री, फ्रैंकिन्सेंस, मायर और स्थानीय एलो प्रजातियाँ।
  • प्राकृतिक विशिष्टता: लगभग 37% पौधों की प्रजातियाँ केवल यहीं पाई जाती हैं।
  • मौसम: अर्ध-रेगिस्तानी जलवायु, वर्षा कम। जून से सितंबर तक तेज मानसूनी हवाओं से द्वीप वर्षों तक पृथक रहा।

आर्थिक गतिविधियाँ

स्थानीय जनसंख्या मुख्यतः मछली पकड़ने, मोती एकत्रण, पशुपालन और छोटे स्तर की कृषि पर निर्भर है।

मानवीय संकट: कुपोषण की गंभीर स्थिति

संयुक्त अरब अमीरात और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने द्वीप पर कुपोषण से जूझ रहे बच्चों और महिलाओं की मदद के लिए दो वर्षीय मानवीय कार्यक्रम की शुरुआत की है। यह कार्यक्रम द्वीप पर गहराते पोषण संकट की पृष्ठभूमि में शुरू किया गया है।

  • ग्लोबल एक्यूट मलन्यूट्रिशन (GAM): पाँच वर्ष से कम उम्र के बच्चों में 10.9%।
  • सीवियर एक्यूट मलन्यूट्रिशन (SAM): 1.6%, जो वैश्विक मानकों के अनुसार गंभीर श्रेणी में आता है।
  • प्रमुख उद्देश्य:

    • मातृ, शिशु और बाल चिकित्सा सेवाओं को सशक्त बनाना।
    • आपात स्थिति की तैयारी और प्रतिक्रिया तंत्र को मजबूत करना।
    • स्वास्थ्यकर्मियों का प्रशिक्षण और दवाओं की आपूर्ति।
    • पोषण जागरूकता और निगरानी प्रणाली की स्थापना।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • रामसर स्थल नहीं है: सुकुत्रा की जैव विविधता के बावजूद यह अभी रामसर स्थल सूची में शामिल नहीं है।
  • नाम की उत्पत्ति: संस्कृत शब्द “द्वीप सुखधारा” से हुआ माना जाता है, जिसका अर्थ है “आनंद का द्वीप”।
  • सैन्य प्रभाव: UAE ने यहां मानवीय सहायता और सुरक्षा के नाम पर सैन्य उपस्थिति बनाई हुई है।
  • WHO सहयोग: यह कार्यक्रम यमन में चल रहे UAE-WHO साझेदारी का हिस्सा है, जो व्यापक स्वास्थ्य लचीलापन सुनिश्चित करने पर केंद्रित है।

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