सीमावर्ती राज्यों में 125 नई परियोजनाओं का उद्घाटन

सीमावर्ती राज्यों में 125 नई परियोजनाओं का उद्घाटन

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने देश की सीमाओं पर 125 नई आधारभूत परियोजनाओं का उद्घाटन कर राष्ट्रीय सुरक्षा और विकास के दृष्टिकोण से एक बड़ा कदम उठाया है। लगभग ₹5,000 करोड़ की लागत से निर्मित ये परियोजनाएँ न केवल सैन्य बलों की आवाजाही को बेहतर बनाएंगी, बल्कि सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थानीय विकास और आपदा प्रबंधन में भी अहम भूमिका निभाएँगी।

सीमावर्ती राज्यों में कनेक्टिविटी का बड़ा विस्तार

रक्षा मंत्री ने लद्दाख में दरबुक-श्योक-डीबीओ रोड पर स्थित 920-मीटर लंबे श्योक टनल से इन परियोजनाओं का वर्चुअल उद्घाटन किया। इस पैकेज में 28 सड़कें, 93 पुल और चार अन्य संरचनाएँ शामिल हैं।

परियोजनाएँ लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान, पश्चिम बंगाल और मिजोरम जैसे राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में फैली हुई हैं। इनसे दुर्गम गांवों और अग्रिम सैन्य चौकियों तक सुगम और स्थायी पहुंच सुनिश्चित की जा सकेगी, खासकर भूस्खलन और हिमस्खलन जैसी आपदाओं से प्रभावित क्षेत्रों में।

सुरक्षा और लॉजिस्टिक्स में रणनीतिक योगदान

राजनाथ सिंह ने कहा कि यह नया कनेक्टिविटी नेटवर्क राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए रीढ़ की हड्डी के समान है। इससे सैनिकों, हथियारों और जरूरी सामान की त्वरित तैनाती संभव हो सकेगी, जिससे ऑपरेशनल जोखिमों में भारी कमी आएगी।

उन्होंने यह भी बताया कि सरकार, सशस्त्र बल और सीमा सड़क संगठन (BRO) समन्वय के साथ सीमावर्ती क्षेत्रों में आधारभूत ढांचे को सुदृढ़ करने और इन क्षेत्रों की मुख्यधारा से बेहतर एकीकरण के लिए लगातार प्रयासरत हैं।

स्थानीय अर्थव्यवस्था, पर्यटन और आपदा प्रबंधन को प्रोत्साहन

इन परियोजनाओं से सीमावर्ती इलाकों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी। राजनाथ सिंह ने कहा कि ये सड़कें और सुरंगें सुरक्षा के साथ-साथ आर्थिक विकास और आपदा प्रबंधन के लिए भी जीवन रेखा जैसी हैं, जो आपातकालीन स्थितियों में त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करती हैं।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • कुल 125 परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया, जिनकी लागत ₹5,000 करोड़ है।
  • मुख्य परियोजना: लद्दाख में 920-मीटर लंबी श्योक सुरंग, जो दरबुक-श्योक-डीबीओ मार्ग का हिस्सा है।
  • निर्माण कार्य में शामिल संरचनाएँ: 28 सड़कें, 93 पुल और चार अन्य ढांचागत सुविधाएँ।
  • सभी परियोजनाओं का कार्यान्वयन सीमा सड़क संगठन (BRO) द्वारा किया गया है।

ऑपरेशन सिंदूर और कनेक्टिविटी की भूमिका

राजनाथ सिंह ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद शुरू किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का उल्लेख करते हुए बताया कि कैसे मजबूत सीमा कनेक्टिविटी ने समय पर रसद की आपूर्ति और संचार व्यवस्था बनाए रखने में मदद की। उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों की त्वरित और समन्वित कार्रवाई इस बात का प्रमाण है कि आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर सीधे मिशन की सफलता में सहायक होता है।

इन परियोजनाओं के ज़रिए भारत ने एक बार फिर साबित किया है कि वह न केवल अपने सीमाओं की रक्षा के लिए तत्पर है, बल्कि उन क्षेत्रों के समग्र विकास को भी सर्वोच्च प्राथमिकता देता है।

Originally written on December 8, 2025 and last modified on December 8, 2025.

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