सीबीआईसी को मिला नया अध्यक्ष : विवेक चतुर्वेदी की नियुक्ति
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) को नया नेतृत्व मिल गया है। वरिष्ठ आईआरएस अधिकारी विवेक चतुर्वेदी को इसके नए अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है। मंत्रिमंडलीय नियुक्ति समिति (ACC) द्वारा स्वीकृति के बाद यह नियुक्ति की गई है। यह बदलाव ऐसे समय में हुआ है जब संस्था नीति सुधारों और संक्रमण कालीन प्राथमिकताओं से गुजर रही है।
नेतृत्व परिवर्तन और पृष्ठभूमि
विवेक चतुर्वेदी ने संजय अग्रवाल का स्थान लिया है, जो 30 नवंबर 2025 को सेवानिवृत्त हुए। इस नेतृत्व परिवर्तन से कर प्रशासन में निरंतरता और नीति संचालन में स्थिरता बनी रहेगी। चतुर्वेदी 1990 बैच के भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) – सीमा शुल्क एवं अप्रत्यक्ष कर शाखा से संबंधित हैं।
मंत्रिमंडलीय नियुक्ति समिति की भूमिका
मंत्रिमंडलीय नियुक्ति समिति ने कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) की सिफारिश पर यह नियुक्ति अनुमोदित की। यह समिति रणनीतिक विभागों में शीर्ष स्तर के अधिकारियों के चयन में निर्णायक भूमिका निभाती है। समिति यह सुनिश्चित करती है कि महत्वपूर्ण कर एवं सीमा शुल्क तंत्र का नेतृत्व अनुभवी अधिकारियों के हाथों में रहे।
विवेक चतुर्वेदी का करियर और उपलब्धियाँ
सीबीआईसी में अध्यक्ष पद संभालने से पहले विवेक चतुर्वेदी सतर्कता महानिदेशालय में प्रधान महानिदेशक और मुख्य सतर्कता अधिकारी के रूप में कार्यरत थे। उनके कार्यकाल में विभाग के आंतरिक निगरानी तंत्र को मजबूत किया गया। अगस्त 2025 में उन्होंने विवेक रंजन के कार्यकाल समाप्त होने पर सदस्य (कर नीति एवं विधि) का पद भी संभाला था। उनकी प्रशासनिक दक्षता और पारदर्शिता के प्रति प्रतिबद्धता ने उन्हें संगठन के भीतर एक मजबूत नेतृत्व के रूप में स्थापित किया है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के अंतर्गत कार्य करता है।
- यह बोर्ड वस्तु एवं सेवा कर (GST), सीमा शुल्क और केंद्रीय उत्पाद शुल्क के प्रशासन की देखरेख करता है।
- मंत्रिमंडलीय नियुक्ति समिति (ACC) की अध्यक्षता प्रधानमंत्री करते हैं।
- आईआरएस (सी एंड आईटी) अधिकारी अप्रत्यक्ष कर नीति निर्माण और प्रवर्तन का संचालन करते हैं।
नए अध्यक्ष के रूप में विवेक चतुर्वेदी से अपेक्षा है कि वे नीति स्थिरता को बनाए रखते हुए कर प्रशासन को अधिक पारदर्शी और दक्ष बनाएंगे। उनकी सतर्कता और कानूनी नीति संबंधी विशेषज्ञता सीबीआईसी को कर सुधारों और राष्ट्रीय राजस्व लक्ष्यों के अनुरूप आगे बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगी।