सिरोसिस के इलाज में नई उम्मीद: VEGF-C नैनोथेरेपी से लसीका प्रवाह में सुधार

भारतीय वैज्ञानिकों की एक टीम ने सिरोसिस से पीड़ित मरीजों में जठरांत्र और यकृत की लसीका वाहिकाओं की प्रवाह क्षमता सुधारने का एक संभावित तरीका खोज निकाला है। यह शोध यकृत और पाचन तंत्र में लसीका परिसंचरण की भूमिका को उजागर करता है, जिसमें वैज्ञानिकों ने VEGF-C नामक एक शक्तिशाली प्रोटीन से युक्त नैनोकेरियर्स का उपयोग किया है।
सिरोसिस और लसीका प्रणाली की जटिलताएं
सिरोसिस एक दीर्घकालिक यकृत रोग है, जो हल्के फाइब्रोसिस से लेकर गंभीर क्षतिग्रस्त अवस्था यानी डीकंपेंसटेड सिरोसिस तक विकसित होता है। इस अवस्था में पेट में तरल जमा होना (एसीटिस), यकृत और आंत्र की रक्त और लसीका वाहिकाओं की संरचना में विकृति जैसे लक्षण उभरते हैं। सामान्यतः लसीका वाहिकाएं शरीर से अतिरिक्त द्रव, प्रोटीन और प्रतिरक्षा कोशिकाओं को निकालने का कार्य करती हैं, परंतु सिरोसिस में इनका प्रवाह बाधित हो जाता है।
सिरोसिस के दौरान यकृत में रक्त जमाव और पोर्टल तंत्रिका तंत्र में दबाव बढ़ने के कारण लसीका उत्पादन 30 गुना तक बढ़ जाता है, लेकिन उसका समुचित निकास नहीं हो पाता, जिससे एसीटिस जैसी जटिलताएं उत्पन्न होती हैं।
VEGF-C और नैनोथैरेपी का नया दृष्टिकोण
VEGF-C (Vascular Endothelial Growth Factor-C) एक प्रमुख लसीका संवर्द्धनकारी प्रोटीन है, जो VEGFR-3 रिसेप्टर को सक्रिय कर नई लसीका वाहिकाओं के निर्माण (lymphangiogenesis) को प्रेरित करता है। इस गुण के कारण इसे सिरोसिस में लसीका प्रवाह सुधारने के लिए उपयुक्त माना गया।
इस विचार को मूर्त रूप देने के लिए, NIPER गुवाहाटी की टीम ने डॉ. शुभम बनर्जी के नेतृत्व में VEGF-C को रिवर्स माइसेल आधारित नैनोकेरियर में इनकैप्सुलेट किया, जिससे इसके मौखिक सेवन से लक्षित लसीका वाहिकाओं तक पहुंच सुनिश्चित हो सके। ILBS नई दिल्ली की टीम ने डॉ. सवनीत कौर के नेतृत्व में इन VEGF-C नैनोकेरियर्स को जानवरों पर सिरोसिस और पोर्टल हाइपरटेंशन के मॉडल में जांचा।
शोध की प्रमुख उपलब्धियां
- नैनोथैरेपी से आंत्र की लसीका वाहिकाओं में प्रवाह क्षमता में उल्लेखनीय सुधार हुआ।
- एसीटिस (पेट में तरल) की मात्रा में कमी दर्ज की गई।
- पोर्टल दबाव में कमी और लसीका ग्रंथियों में साइटोटॉक्सिक टी-कोशिकाओं की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया में सुधार देखा गया।
- आंत्र और पूरे शरीर में बैक्टीरियल लोड में भी कमी आई।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- VEGF-C VEGFR-3 रिसेप्टर को सक्रिय कर नई लसीका वाहिकाओं के निर्माण को प्रेरित करता है।
- सिरोसिस में लसीका प्रवाह 30 गुना बढ़ जाता है, पर निकासी तंत्र बिगड़ जाता है।
- VEGF-C आधारित यह शोध JHEP Reports में प्रकाशित हुआ है।
- यह अध्ययन विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) के नैनो मिशन द्वारा वित्तपोषित है।
यह शोध पहली बार दर्शाता है कि VEGF-C आधारित उपचार से सिरोसिस की लसीका प्रणाली को पुनर्निर्मित किया जा सकता है। इस दिशा में बड़े जानवरों पर पूर्व-नैदानिक परीक्षण और मानव परीक्षणों के प्रारंभिक चरण में सुरक्षा और प्रभावकारिता का आकलन कर एक नया चिकित्सकीय विकल्प विकसित किया जा सकता है।
सिरोसिस जैसी जटिल बीमारी में जहां अब तक कोई प्रभावी उपचार नहीं था, वहां VEGF-C आधारित नैनोथैरेपी एक नई किरण की तरह सामने आई है। यह अनुसंधान दीर्घकालिक यकृत रोगों के उपचार में क्रांतिकारी परिवर्तन ला सकता है।