सातवीं बार भारत को मानवाधिकार परिषद में मिली सदस्यता: वैश्विक मंच पर मजबूत उपस्थिति

भारत ने एक बार फिर वैश्विक मंच पर अपनी मजबूत भूमिका को सिद्ध किया है। वर्ष 2026 से 2028 तक के लिए भारत को संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार परिषद (UNHRC) में बिना किसी विरोध के सदस्य चुना गया है। यह सातवीं बार है जब भारत को इस प्रतिष्ठित परिषद में स्थान मिला है, जो विश्व भर में मानवाधिकारों की रक्षा और संवर्धन का प्रमुख अंतरराष्ट्रीय मंच है।
भारत की प्रतिबद्धता को मिला वैश्विक समर्थन
संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा इस चयन की घोषणा के बाद भारत के स्थायी प्रतिनिधि पी. हरीश ने इसे भारत की मानवाधिकारों और मौलिक स्वतंत्रताओं के प्रति अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण बताया। उन्होंने सोशल मीडिया पर कहा कि भारत इस दायित्व को पूरी निष्ठा के साथ निभाएगा और मानवाधिकारों के संवर्धन हेतु अपनी भूमिका को और सशक्त करेगा। उन्होंने सभी देशों का इस व्यापक समर्थन के लिए धन्यवाद भी दिया।
मानवाधिकार परिषद: उद्देश्य और भूमिका
मानवाधिकार परिषद संयुक्त राष्ट्र की एक प्रमुख संस्था है, जिसकी स्थापना 2006 में महासभा द्वारा की गई थी। इसमें कुल 47 सदस्य होते हैं, जिनका कार्यकाल तीन वर्ष का होता है। यह परिषद सदस्य देशों में मानवाधिकारों की स्थिति की समीक्षा करती है, महत्वपूर्ण मुद्दों पर बहस का मंच प्रदान करती है और विश्व स्तर पर मानवाधिकारों की रक्षा को लेकर सिफारिशें करती है।
भारत पहली बार 2006 में इस परिषद का सदस्य बना था, और तब से लगातार इसके कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाता आया है। वर्तमान चुनाव में भारत का निर्विरोध चयन यह दर्शाता है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय भारत की भूमिका और दृष्टिकोण को स्वीकार करता है।
वैश्विक मानवाधिकार नीति में भारत की भूमिका
भारत ने बीते वर्षों में मानवाधिकारों, लोकतांत्रिक मूल्यों और सामाजिक न्याय के क्षेत्र में अनेक प्रयास किए हैं। चाहे वह जलवायु न्याय की बात हो, लैंगिक समानता का मुद्दा हो, या डिजिटल अधिकारों की रक्षा — भारत ने हर पहलू पर वैश्विक चर्चा में सार्थक योगदान दिया है। UNHRC की सदस्यता से भारत को अब मानवाधिकार नीति निर्धारण में और अधिक प्रभावशाली भूमिका निभाने का अवसर मिलेगा।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- मानवाधिकार परिषद की स्थापना संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 2006 में की गई थी।
- परिषद में 47 सदस्य होते हैं, जिनका कार्यकाल तीन वर्ष होता है।
- भारत को अब तक सात बार मानवाधिकार परिषद में चुना जा चुका है।
- भारत के स्थायी प्रतिनिधि पी. हरीश संयुक्त राष्ट्र में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।