साइबर सुरक्षा में भारत की नई पहल: ‘साइबर सुरक्षा 2025’ अभ्यास आरंभ

भारत की रक्षा साइबर एजेंसी (Defence Cyber Agency) ने 16 जून 2025 को एक व्यापक बहु-चरणीय साइबर सुरक्षा अभ्यास ‘साइबर सुरक्षा 2025’ की शुरुआत की। यह अभ्यास मुख्यालय इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ (IDS) के तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है और इसका समापन 27 जून 2025 को होगा। इस अभ्यास का उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े संस्थानों और रक्षा क्षेत्र के भागीदारों में साइबर लचीलापन (cyber resilience) को बढ़ाना है।
अभ्यास की प्रमुख विशेषताएं
- अभ्यास में 100 से अधिक प्रतिभागी भाग ले रहे हैं, जिनमें रक्षा और राष्ट्रीय स्तर की विभिन्न एजेंसियों के विशेषज्ञ शामिल हैं।
- यह अभ्यास वास्तविक साइबर खतरों का अनुकरण (simulation) करेगा और प्रतिभागियों को तेज गति, गेम आधारित परिदृश्यों में निर्णय लेने की चुनौती देगा।
- इसमें लक्षित प्रशिक्षण सत्र, मूल्यांकन, और नेतृत्व के लिए एक विशेष सत्र शामिल होगा, जिससे तकनीकी और प्रबंधन दोनों स्तरों पर तैयारी सुनिश्चित हो सके।
CISO सम्मेलन और नेतृत्व की भूमिका
यह एक महत्वपूर्ण आकर्षण चीफ इन्फॉर्मेशन सिक्योरिटी ऑफिसर्स (CISOs) सम्मेलन है। यह सम्मेलन न केवल तकनीकी सुरक्षा मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करता है, बल्कि नेतृत्व को साइबर सुरक्षा रणनीति में शामिल करने का भी प्रयास करता है।
- इसमें प्रख्यात वक्ताओं के व्याख्यान शामिल हैं।
- सम्मेलन का समापन एक टेबल-टॉप एक्सरसाइज के साथ होगा, जो नेतृत्व स्तर पर निर्णय लेने की सटीकता को परखेगा।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- Defence Cyber Agency (DCA), भारत की सशस्त्र सेनाओं की एक संयुक्त एजेंसी है जो साइबर रक्षा की रणनीति और संचालन का संचालन करती है।
- Integrated Defence Staff (IDS), तीनों सेनाओं के समन्वय के लिए बना उच्च स्तर का ढांचा है।
- टेबल-टॉप एक्सरसाइज एक रणनीतिक सत्र होता है जिसमें अधिकारी काल्पनिक संकटों में अपने निर्णय और रणनीति का अभ्यास करते हैं।
- “गैमीफाइड साइबर ट्रेनिंग” का अर्थ है प्रशिक्षण को इंटरैक्टिव खेलों के माध्यम से प्रभावी बनाना—जिससे प्रतिभागी वास्तविक स्थितियों में निर्णय लेने में अधिक सक्षम बनते हैं।
भारत की साइबर रणनीति में नया अध्याय
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, यह अभ्यास “सभी स्तरों पर सुरक्षा‑प्रथम संस्कृति (security-first culture) को बढ़ावा देने” की दिशा में एक ठोस कदम है। साइबर सुरक्षा अब केवल तकनीकी नहीं बल्कि रणनीतिक प्राथमिकता भी बन चुकी है, और इस प्रकार के अभ्यास भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा को डिजिटल युग में सशक्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
भविष्य में इस तरह के अभ्यासों को नियमित रूप से आयोजित करने की योजना है, जिससे भारत की साइबर क्षमता निरंतर उन्नत बनी रहे। ‘साइबर सुरक्षा 2025’ इस दिशा में एक निर्णायक कदम साबित हो रहा है।