साइबर अपराध और वित्तीय धोखाधड़ी के खिलाफ जंग: दूरसंचार विभाग और FIU-IND के बीच ऐतिहासिक समझौता

भारत में डिजिटल भुगतान और संचार के बढ़ते विस्तार के बीच, साइबर अपराध और वित्तीय धोखाधड़ी की चुनौतियाँ भी तेजी से बढ़ रही हैं। इन्हीं खतरों से निपटने के लिए दूरसंचार विभाग (DoT) और फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट-इंडिया (FIU-IND) ने एक व्यापक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह समझौता दोनों संस्थाओं के बीच सूचना साझाकरण और समन्वय को एक नई दिशा देगा, जिससे भारत की साइबर सुरक्षा प्रणाली और मजबूत होगी।
समझौते के मुख्य बिंदु
इस MoU के तहत, DoT की डिजिटल इंटेलिजेंस यूनिट (DIU) और FIU-IND के बीच रीयल-टाइम डेटा साझा किया जाएगा, जिसमें विशेष रूप से “फाइनेंशियल फ्रॉड रिस्क इंडिकेटर (FRI)” डाटा शामिल है। यह डाटा मोबाइल नंबरों को वित्तीय धोखाधड़ी से जुड़ी जोखिम श्रेणियों — मध्यम, उच्च और अति उच्च — में वर्गीकृत करता है।
इसके अलावा, DoT “मोबाइल नंबर रिवोकेशन लिस्ट (MNRL)” FIU-IND को स्वचालित रूप से प्रदान करेगा, जिसमें नंबर बंद करने की तारीख और कारण शामिल होगा। दूसरी ओर, FIU-IND संदिग्ध लेन-देन रिपोर्ट (STR) में शामिल मोबाइल नंबरों की जानकारी साझा करेगा।
तकनीक-आधारित समन्वय प्रणाली
दोनों एजेंसियाँ अपने-अपने उन्नत तकनीकी प्लेटफॉर्म — DoT का “डिजिटल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म (DIP)” और FIU-IND का “Finnex 2.0” — के माध्यम से डेटा का सुरक्षित और वास्तविक समय में आदान-प्रदान करेंगी। इससे न केवल समय की बचत होगी बल्कि धोखाधड़ी के मामलों में त्वरित कार्रवाई भी संभव होगी।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- FIU-IND भारत की राष्ट्रीय एजेंसी है जो मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के वित्तपोषण से जुड़े मामलों की निगरानी करती है।
- DIU ने “ASTR”, “CIOR”, और “Sanchar Saathi” जैसे उन्नत AI टूल्स विकसित किए हैं।
- FRI के माध्यम से अब तक ₹140 करोड़ की संभावित धोखाधड़ी से बचाव किया गया है।
- “Sanchar Saathi” पहल के तहत अब तक 2.84 करोड़ फर्जी मोबाइल कनेक्शन बंद किए जा चुके हैं।