सर्वोच्च न्यायालय ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को मंजूरी दी

सर्वोच्च न्यायालय ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को मंजूरी दी

5 जनवरी, 2020 को सर्वोच्च न्यायालय ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को मंज़ूरी दे दी है।

सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट क्या है?

सेंट्रल विस्टा परियोजना का लक्ष्य नई दिल्ली में लुटियन्स गार्डन में 86 एकड़ भूमि का नवीनीकरण करना है। इसमें राष्ट्रपति भवन, संसद, इंडिया गेट, नॉर्थ और साउथ ब्लॉक जैसे लैंडमार्क ढांचे शामिल हैं।

पृष्ठभूमि

अप्रैल 2020 में सर्वोच्च न्यायालय में लुटियन्स गार्डन की 86 एकड़ जमीन के नवीनीकरण के केंद्र के फैसले को चुनौती देते हुए एक याचिका दायर की गई थी। याचिकाकर्ता के अनुसार, इस निर्णय ने अनुच्छेद 21 के तहत नागरिकों के जीवन के अधिकार का उल्लंघन किया। याचिकाकर्ता का तर्क है कि इस योजना ने लोगों को खुले और हरे भरे स्थानों से वंचित किया है। साथ ही, याचिका में तर्क दिया गया कि इस योजना ने दिल्ली के मास्टर प्लान 2021 का उल्लंघन किया।

नई संसद की आवश्यकता

वर्तमान संसद 1927 में बनी थी। इसका निर्माण द्विसदनीय विधायिका को मद्देनजर रखते हुए नही किया गया था। बल्कि इसे विधान परिषद के लिए बनाया गया था। इसके अलावा, मौजूदा संसद भवन औपनिवेशवाद का एक प्रतीक है। यह स्वतंत्र भारतीय नागरिकों की आकांक्षाओं के अनुरूप नहीं है।

मौजूदा संसदीय परिसर अंग्रेजों द्वारा बनाया गया था। स्वतंत्रता के तुरंत बाद नई संसदीय संरचनाओं के निर्माण के अंतर्राष्ट्रीय उदाहरण हैं। उदाहरण के लिए, अमेरिका ने अपनी स्वतंत्रता के 25 वर्षों के भीतर अपनी कैपिटल बिल्डिंग का निर्माण किया।

देश की मौजूदा संसद सुरक्षा मानदंडों का पालन नहीं करती है और भूकंप से भी सुरक्षित नहीं है।

Originally written on January 5, 2021 and last modified on January 5, 2021.

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