सरकारी मुकदमों की निगरानी अब और पारदर्शी: कानून मंत्रालय ने लॉन्च किया “लाइव केस” डैशबोर्ड

केंद्र सरकार ने न्यायिक पारदर्शिता और दक्षता को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। केंद्रीय कानून और न्याय राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुन राम मेघवाल ने मंगलवार को नई दिल्ली स्थित शास्त्री भवन में “लीगल इंफॉर्मेशन मैनेजमेंट एंड ब्रीफिंग सिस्टम” (LIMBS) के अंतर्गत “लाइव केस” डैशबोर्ड का उद्घाटन किया। इस अवसर पर केंद्रीय कानून सचिव अंजू राठी राणा समेत विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।
क्या है “लाइव केस” डैशबोर्ड?
“लाइव केस” डैशबोर्ड एक अत्याधुनिक डिजिटल प्लेटफॉर्म है जो सरकार के खिलाफ लंबित मुकदमों का रीयल-टाइम डेटा प्रदान करता है। इसके माध्यम से विभिन्न मंत्रालय और विभाग अपने मामलों की स्थिति, आगामी सुनवाइयों और आवश्यक दस्तावेज़ों की जानकारी एक स्थान पर प्राप्त कर सकते हैं। इससे मुकदमेबाज़ी में त्वरित निर्णय और समन्वय को बढ़ावा मिलेगा।
इस प्रणाली के ज़रिए न केवल केसों की निगरानी आसान होगी, बल्कि सरकारी वकीलों और अधिकारियों को समय रहते उचित कदम उठाने में मदद मिलेगी।
LIMBS: सरकार की कानूनी रणनीति का मुख्य आधार
LIMBS पोर्टल भारत सरकार की उस रणनीति का हिस्सा है जिसका उद्देश्य सरकारी मुकदमों की संख्या और बोझ को कम करना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विज़न के अनुरूप सरकार “सरल न्याय, न्यूनतम विवाद” की दिशा में कार्य कर रही है।
वर्तमान स्थिति:
- 7,23,123 लाइव केस LIMBS के अंतर्गत ट्रैक किए जा रहे हैं।
- 53 मंत्रालयों और विभागों की भागीदारी है।
- 13,175 मंत्रालय उपयोगकर्ता और 18,458 अधिवक्ता पोर्टल पर नियमित रूप से जानकारी अपडेट करते हैं।
तकनीकी हस्तक्षेप से प्रशासन में सुधार
यह डैशबोर्ड सरकार की डिजिटल परिवर्तन यात्रा का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। इससे:
- पारदर्शिता: केसों की स्थिति स्पष्ट रूप से सबके सामने आती है।
- उत्तरदायित्व: प्रत्येक विभाग अपनी जवाबदेही समझता है।
- दक्षता: मुकदमेबाज़ी में समय और संसाधनों की बचत होती है।
डैशबोर्ड, डेटा विज़ुअलाइज़ेशन और एनालिटिक्स के माध्यम से न्यायिक मामलों की समग्र तस्वीर प्रस्तुत करता है, जिससे नीतिगत निर्णय अधिक प्रभावशाली बनते हैं।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- भारत सरकार विश्व की सबसे बड़ी मुकदमेबाज़ इकाइयों में से एक है।
- LIMBS का उद्देश्य सरकारी मुकदमों की संख्या में कमी लाना और कानूनी प्रक्रिया को सरल बनाना है।
- “लाइव केस” डैशबोर्ड 2024 में डिजिटल न्याय प्रणाली को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल बन गया है।
- इस प्रणाली से ई-गवर्नेंस, पारदर्शिता और बेहतर नीति निर्माण को बढ़ावा मिलेगा।