समुद्री क्षेत्र में वित्तीय क्रांति: भारत का पहला NBFC बना सागरमाला फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड

भारत सरकार ने समुद्री क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए सागरमाला फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (SMFCL) की शुरुआत की है। केंद्रीय बंदरगाह, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने इसे औपचारिक रूप से लॉन्च किया, जिससे भारत का पहला समुद्री क्षेत्रीय गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) अस्तित्व में आया है। यह पहल भारत के समुद्री बुनियादी ढांचे को गति देने के ‘अमृत काल विज़न 2047’ के तहत एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

SMFCL: समुद्री क्षेत्र के लिए समर्पित NBFC

पूर्व में सागरमाला डिवेलपमेंट कंपनी लिमिटेड के नाम से जानी जाने वाली यह संस्था अब NBFC के रूप में भारतीय रिज़र्व बैंक में 19 जून 2025 को पंजीकृत की गई है। इसे मिनी रत्न श्रेणी-I केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रम का दर्जा प्राप्त है। SMFCL का उद्देश्य समुद्री क्षेत्र में निवेश हेतु वित्तीय अंतराल को भरना और विशिष्ट ऋण सुविधाएं प्रदान करना है।

विभिन्न क्षेत्रों को मिलेगा वित्तीय संबल

SMFCL अब बंदरगाह प्राधिकरणों, पोत कंपनियों, MSMEs, स्टार्टअप्स और समुद्री शैक्षणिक संस्थानों को लघु, मध्यम और दीर्घकालिक वित्तीय उत्पाद प्रदान करेगा। इसके अतिरिक्त, यह संस्था शिपबिल्डिंग, नवीकरणीय ऊर्जा, क्रूज़ पर्यटन और समुद्री शिक्षा जैसे रणनीतिक क्षेत्रों को भी समर्थन देगी।

समुद्री क्षेत्र के लिए आर्थिक पारिस्थितिकी तंत्र

केंद्रीय राज्य मंत्री श्री शांतनु ठाकुर ने कहा कि SMFCL एक समर्पित NBFC के रूप में काम करते हुए नवाचार, निवेश और समावेशी विकास के लिए एक केंद्रित वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र बनाएगा। SMFCL के पास ₹680 करोड़ की टियर-1 पूंजी है, जिसे ₹3400 करोड़ तक के ऋण जुटाने के लिए प्रयोग किया जा सकता है। यह सहयोगी बैंकों के साथ मिलकर बड़े पैमाने पर ऋण देने में भी सक्षम है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • सागरमाला फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (SMFCL) भारत की पहली समुद्री क्षेत्रीय NBFC है।
  • यह मिनी रत्न श्रेणी-I सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी है, जो RBI में NBFC के रूप में पंजीकृत है।
  • SMFCL ₹680 करोड़ की पूंजी के साथ ₹3400 करोड़ तक की उधारी करने में सक्षम है।
  • यह समुद्री शिक्षा, नवीकरणीय ऊर्जा, शिपबिल्डिंग और क्रूज़ पर्यटन जैसे क्षेत्रों में भी निवेश को बढ़ावा देगा।

SMFCL की स्थापना भारत की समुद्री क्षमताओं को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने की दिशा में एक निर्णायक पहल है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ‘विकसित भारत’ की ओर यह एक और ठोस कदम है, जो देश को समुद्री महाशक्ति बनाने की राह पर अग्रसर कर रहा है।

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