समर्थ योजना (Samarth Scheme) : 1500 कारीगर प्रशिक्षण से लाभान्वित हुए

समर्थ योजना (Samarth Scheme) : 1500 कारीगर प्रशिक्षण से लाभान्वित हुए

कपड़ा मंत्रालय के अनुसार 63 समर्थ प्रशिक्षण केंद्रों में 1500 से अधिक कारीगरों को प्रशिक्षण देकर लाभान्वित किया गया है।

मुख्य बिंदु 

  • कपड़ा मंत्रालय ने समयबद्ध तरीके से कारीगरों के समग्र विकास के लिए लगभग 65 समूहों को अपनाया है। 
  • समर्थ योजना के तहत तकनीकी एवं सॉफ्ट स्किल प्रशिक्षण प्रदान कर हस्तशिल्प कारीगरों की अपस्किलिंग की जा रही है। यह स्थायी आजीविका पर भी बल देता है।

समर्थ योजना (Samarth Scheme)

कपड़ा उद्योग में कौशल अंतर को भरने के लिए कपड़ा मंत्रालय ने 2017 में “Scheme for Capacity Building in Textile Sector (SCBTS)” लांच की थी। संगठित क्षेत्र में बुनाई और कताई को छोड़कर कपड़ा उद्योग की संपूर्ण मूल्य श्रृंखला के लिए इस योजना को मंजूरी दी गई। SCBTS योजना को वर्तमान में ‘समर्थ योजना’ के रूप में जाना जाता है। इसे तीन साल (2017-18 से 2019-20) के लिए 1,300 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ लॉन्च किया गया था।

समर्थ योजना के उद्देश्य

इस योजना को निम्न उद्देश्यों के साथ शुरू किया गया था:

  • कपड़ा और संबद्ध क्षेत्रों में रोजगार पैदा करने के लिए मांग-संचालित, प्लेसमेंट उन्मुख “राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क (National Skills Qualifications Framework – NSQF) अनुरूप कौशल कार्यक्रम” प्रदान करना।
  • हस्तशिल्प, हथकरघा, रेशम उत्पादन और जूट के पारंपरिक क्षेत्रों में कौशल उन्नयन के साथ-साथ कौशल को बढ़ावा देना।
  • भारत में समाज के हर वर्ग के लिए स्वरोजगार या मजदूरी रोजगार के माध्यम से एक स्थायी आजीविका को सक्षम करना।

कार्यान्वयन एजेंसियां

इस योजना के लिए कार्यान्वयन एजेंसियों में शामिल हैं:

  1. कपड़ा उद्योग।
  2. कपड़ा मंत्रालय या राज्य सरकारों के संस्थान या संगठन जिनका मंत्रालय के साथ प्लेसमेंट टाई-अप और प्रशिक्षण बुनियादी ढांचा है।
  3. प्रतिष्ठित प्रशिक्षण संस्थान, गैर सरकारी संगठन, समाज, संगठन, कंपनियां, ट्रस्ट, स्टार्ट-अप और उद्यमी जो कपड़ा क्षेत्र में सक्रिय हैं।
Originally written on August 26, 2021 and last modified on August 26, 2021.

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