सत्यमंगलम टाइगर रिजर्व में 47 अवैध रिसॉर्ट्स पर मद्रास हाईकोर्ट सख्त, चार सप्ताह में मांगी रिपोर्ट

मद्रास हाईकोर्ट ने सत्यमंगलम टाइगर रिजर्व (STR), तमिलनाडु में अवैध रूप से संचालित 47 रिसॉर्ट्स और टूरिस्ट लॉज पर कड़ा रुख अपनाते हुए जिला प्रशासन और वन विभाग से चार सप्ताह में कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है। यह आदेश मुख्य न्यायाधीश मनिंद्र मोहन श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति जी. अरुलमुरुगन की खंडपीठ ने पर्यावरण कार्यकर्ता आर. कार्पगम द्वारा दायर एक जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई के दौरान दिया।
दोहरे उल्लंघन का आरोप
याचिकाकर्ता के वकील एस. पी. चोकलिंगम ने अदालत को बताया कि ये सभी 47 रिसॉर्ट्स दो कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन कर रहे हैं:
- वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की धारा 33 के तहत नेशनल बोर्ड ऑफ वाइल्डलाइफ (NBW) से आवश्यक अनुमति नहीं ली गई।
- तमिलनाडु हिल्स एरिया कंजर्वेशन अथॉरिटी (HACA) से भी इनको कोई स्वीकृति नहीं मिली।
उन्होंने यह भी बताया कि सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम, 2005 के तहत जानकारी प्राप्त कर इन अवैध गतिविधियों का दस्तावेजी प्रमाण इकट्ठा किया गया है।
पर्यावरणीय प्रभाव और वन्यजीवों पर खतरा
आर. कार्पगम ने अपनी हलफनामे में बताया कि इन रिसॉर्ट्स के कारण वन क्षेत्र पर मानवजनित दबाव बढ़ गया है और इससे वन्यजीवों को अत्यधिक तनाव हो रहा है। उन्होंने कहा, “अगर इन अवैध रिसॉर्ट्स को रोका नहीं गया, तो हमें निकट भविष्य में अपनी अद्भुत वन्यजीव और प्राचीन वनों को खोना पड़ सकता है।”
राज्य सरकार और अदालत की प्रतिक्रिया
राज्य सरकार के अधिवक्ता ए. एडविन प्रभाकर ने अदालत को बताया कि कलेक्टर ने कुछ अवैध झोपड़ियों को पहले ही डीनोटिफाई कर दिया है और उन्हें नोटिस भी भेजा गया है। इसके साथ ही, अदालत ने वन विभाग को टाइगर रिजर्व के भीतर स्थित मंदिर तक वाहनों की आवाजाही को भी नियंत्रित करने के निर्देश दिए।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- सत्यमंगलम टाइगर रिजर्व तमिलनाडु के इरोड जिले में स्थित है और यह नीलगिरी बायोस्फीयर रिजर्व का हिस्सा है।
- यह रिजर्व एशियाई हाथी और बंगाल टाइगर सहित कई संकटग्रस्त प्रजातियों का आवास है।
- वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की धारा 33 के तहत संरक्षित क्षेत्रों में निर्माण कार्य के लिए NBW की अनुमति अनिवार्य है।
- तमिलनाडु HACA पहाड़ी क्षेत्रों में पर्यावरणीय संवेदनशीलता को देखते हुए निर्माण कार्यों को नियंत्रित करता है।