सती मठराम मंदिर

सती मठराम मंदिर

सती मठराम मंदिर चोल वास्तुकला और मूर्तिकला की एक सत्य कला दीर्घा है। यह मंदिर कावेरी नदी के दक्षिण में स्थित तेवरा स्तालम की श्रृंखला में 22 वां है।

किंवदंतियाँ: शिव यहां पार्वती के सामने प्रकाश (ज्योतिस्वरुप) के एक विशाल स्तंभ के रूप में प्रकट हुए, जिन्होंने उनका ध्यान किया था, और उन्होंने उन्हें गले लगाया; इसलिए नाम शिवकोखुंडेश्वर और साक्षी मुथम पड़ा।

मंदिर: इस मंदिर के दो स्तोत्र हैं और यह एक एकड़ से भी कम क्षेत्र में है। एक राजसी राजगोपुरम प्रवेश द्वार का ताज पहनते हैं। मंदिर में शिव और पार्वती की एक प्रतिमा विराजित है। नटराजार तीर्थ और सरबेश्वर तीर्थ यहां महत्वपूर्ण हैं। अप्पार ने शिव के चरणों में आत्मसमर्पण करने की प्रार्थना की, जिसे पास के तिरुन्नल्लूर में प्रदान किया गया। यह मंदिर सेम्बियान महादेवी की अवधि के दौरान और राजा राजा चोल I (1000 वर्ष) के शुरुआती वर्षों में पत्थर में फिर से बनाया गया था। राजाधिराज चोल II (1166-1182 CE), कुलोत्तुंगा चोल III, और विजयनगर सम्राटों के काल के शिलालेख यहाँ पाए जाते हैं।

त्यौहार: वार्षिक ब्रह्मोत्सव चिट्टिराई के महीने में पड़ता है। यहाँ अन्य त्योहार नवरात्रि और रथसप्तमी हैं।

Originally written on April 16, 2019 and last modified on April 16, 2019.

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