सऊदी अरब और चीन के बीच कूटनीतिक पासपोर्ट धारकों के लिए वीज़ा मुक्त समझौता: रणनीतिक साझेदारी को नई गति
सऊदी अरब और चीन ने राजनयिक और आधिकारिक पासपोर्ट धारकों के लिए वीज़ा मुक्त यात्रा समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जो दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी को और मजबूती प्रदान करता है। यह समझौता चीन के विदेश मंत्री वांग यी की रियाद यात्रा के दौरान हुआ, जो दोनों देशों के राजनयिक संबंधों की 35वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित की गई थी।
वीज़ा मुक्त समझौते की प्रमुख विशेषताएं
यह समझौता केवल राजनयिक और सरकारी अधिकारियों पर लागू होता है, जिससे वे दोनों देशों में वीज़ा के बिना आधिकारिक यात्राएं कर सकते हैं। यह निर्णय सार्वजनिक पासपोर्ट धारकों के लिए मान्य नहीं है।
इस पहल का उद्देश्य द्विपक्षीय संवादों की गति बढ़ाना, आधिकारिक प्रतिनिधिमंडलों की यात्रा को सरल बनाना, और सरकारी स्तर पर सहयोग को संस्थागत रूप देना है।
उच्चस्तरीय वार्ता और रणनीतिक समन्वय
इस यात्रा के दौरान, सऊदी विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान ने वांग यी के साथ व्यापक द्विपक्षीय वार्ता की। दोनों देशों ने व्यापार, निवेश, ऊर्जा सहयोग, और अवसंरचना विकास जैसे प्रमुख क्षेत्रों की समीक्षा की।
इसके साथ ही दोनों मंत्रियों ने सऊदी-चीन उच्चस्तरीय संयुक्त समिति की राजनीतिक समिति के पांचवें सत्र की सह-अध्यक्षता की, जो द्विपक्षीय सहयोग की संस्थागत गहराई को दर्शाता है।
क्षेत्रीय और वैश्विक राजनीतिक स्थिति
सऊदी अरब ने वन चाइना नीति के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और ताइवान को चीन का अभिन्न हिस्सा माना। बदले में चीन ने ईरान के साथ सऊदी कूटनीतिक प्रयासों का समर्थन किया और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए रियाद की भूमिका को सराहा।
दोनों देशों ने वैश्विक सुरक्षा मुद्दों पर भी विचार साझा किए और 1967 की सीमाओं के आधार पर दो-राष्ट्र समाधान (Two-State Solution) को संयुक्त राष्ट्र प्रस्तावों के अनुसार फिलिस्तीन मुद्दे का समाधान मानने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- वीज़ा मुक्त समझौता केवल राजनयिक और आधिकारिक पासपोर्ट धारकों के लिए लागू है।
- यह समझौता सऊदी-चीन राजनयिक संबंधों की 35वीं वर्षगांठ के दौरान हुआ।
- सऊदी अरब ने वन चाइना नीति को समर्थन दिया।
- दोनों देशों ने फिलिस्तीन के लिए दो-राष्ट्र समाधान का समर्थन किया।
कूटनीति से आगे: आर्थिक और वैश्विक सहयोग की दिशा में
राजनीतिक समन्वय से आगे बढ़ते हुए, चीन ने सऊदी अरब के विज़न 2030 के तहत किए गए आर्थिक सुधारों की सराहना की और 2022 में आयोजित अरब-चीन शिखर सम्मेलन के परिणामों का स्वागत किया।
सऊदी अरब ने भी भविष्य के चीन-अरब और खाड़ी-चीन शिखर सम्मेलनों में भागीदारी को समर्थन दिया और रियाद में आयोजित होने वाले एक्सपो 2030 में चीन की भागीदारी की पुष्टि की।
यह सब संकेत देता है कि सऊदी अरब और चीन का संबंध अब केवल कूटनीतिक नहीं, बल्कि दीर्घकालिक आर्थिक एकीकरण, क्षेत्रीय स्थिरता, और वैश्विक प्रभाव के समन्वय की ओर बढ़ रहा है।