संसद से पारित राष्ट्रीय खेल शासन विधेयक और एंटी-डोपिंग संशोधन: भारतीय खेल प्रशासन में ऐतिहासिक सुधार

संसद से पारित राष्ट्रीय खेल शासन विधेयक और एंटी-डोपिंग संशोधन: भारतीय खेल प्रशासन में ऐतिहासिक सुधार

12 अगस्त 2025 को संसद ने राष्ट्रीय खेल शासन विधेयक (National Sports Governance Bill) को पारित कर दिया। लोकसभा में पारित होने के 24 घंटे के भीतर राज्यसभा की मंजूरी मिलने के साथ ही भारतीय खेल प्रशासन में यह अब तक का सबसे बड़ा कानूनी सुधार माना जा रहा है। इसके साथ ही राष्ट्रीय एंटी-डोपिंग (संशोधन) विधेयक भी पारित हुआ, जो विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (WADA) की मांग के अनुसार NADA की स्वायत्तता को मजबूत करता है।

राष्ट्रीय खेल शासन विधेयक: मुख्य प्रावधान

  • राष्ट्रीय खेल बोर्ड (NSB) का गठन, जो पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करेगा।
  • NSB को राष्ट्रीय खेल संघ (NSF) की मान्यता समाप्त करने का अधिकार, यदि:

    • कार्यकारी समिति के चुनाव न हों या चुनाव प्रक्रिया में गंभीर अनियमितता हो।
    • वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट प्रकाशित न हो।
    • सार्वजनिक धन का दुरुपयोग या हेराफेरी हो।
  • राष्ट्रीय खेल न्यायाधिकरण का गठन, जिसके पास दीवानी अदालत जैसी शक्तियां होंगी। यह चयन, चुनाव और संघों व खिलाड़ियों से जुड़े विवादों का निपटारा करेगा। इसके फैसले केवल सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दिए जा सकेंगे।
  • प्रशासकों के लिए आयु सीमा में बदलाव — 70 से 75 वर्ष तक चुनाव लड़ने की अनुमति, यदि अंतरराष्ट्रीय खेल संघ के उपनियम इसकी अनुमति दें।
  • सभी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय खेल निकायों को आरटीआई के दायरे में लाना, हालांकि BCCI जैसी स्व-वित्त पोषित संस्थाओं को आंशिक छूट दी गई है।
  • NSF चुनाव लड़ने के लिए कार्यकारी समिति में न्यूनतम कार्यकाल की शर्त एक कार्यकाल कर दी गई (पहले दो कार्यकाल की शर्त थी)।

राजनीतिक और खेल जगत की प्रतिक्रियाएं

  • समर्थन: पूर्व AIFF अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल और IOA अध्यक्ष पी.टी. उषा ने विधेयक को ऐतिहासिक और समय की मांग बताया।
  • चिंताएं: BJD सांसद सुभाशीष खुंटिया और कांग्रेस ने अत्यधिक केंद्रीकरण और जमीनी स्तर (जिला/ब्लॉक) पर खिलाड़ियों के विकास को लेकर अस्पष्टता पर सवाल उठाए।
  • सरकार का पक्ष: खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने इसे “पारदर्शिता लाने वाला, न कि नियंत्रण करने वाला” बिल बताया।

राष्ट्रीय एंटी-डोपिंग (संशोधन) विधेयक 2025

  • WADA की आपत्ति के बाद संशोधन — अब राष्ट्रीय बोर्ड के पास NADA की निगरानी या उसे निर्देश देने का अधिकार नहीं होगा।
  • NADA की संचालन स्वतंत्रता सुनिश्चित की गई।
  • बोर्ड को केवल सीमित भूमिका में रखा गया है, ताकि WADA मानकों के अनुरूप भारत की एंटी-डोपिंग व्यवस्था बनी रहे।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • भारत अब उन 21 देशों में शामिल होगा, जहां खेल कानून लागू है।
  • WADA (World Anti-Doping Agency) की स्थापना 1999 में हुई थी, मुख्यालय मॉन्ट्रियल, कनाडा में है।
  • राष्ट्रीय खेल संहिता में पहले प्रशासकों की अधिकतम आयु सीमा 70 वर्ष थी।
  • 2036 ओलंपिक की मेजबानी के लिए भारत बोली लगाने की तैयारी कर रहा है।
Originally written on August 13, 2025 and last modified on August 13, 2025.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *