संसद ने वित्त विधेयक 2021 पारित किया

संसद ने 23 मार्च 2021 को “वित्त विधेयक 2021” (Finance Bill 2021) पारित किया है। इस विधेयक में वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए केंद्र सरकार के वित्तीय प्रस्तावों को लाने का प्रयास किया गया है।

मुख्य बिंदु

संसद के निचले सदन द्वारा कई संशोधनों के साथ विधेयक पारित किया गया है। यह उन प्रस्तावों में कुछ बदलावों का प्रस्ताव करता है जो केंद्रीय बजट 2021 में किए गए थे ताकि व्यापार करने में आसानी को बढ़ावा दिया जा सके और अनुपालन बोझ को कम किया जा सके।

वित्त विधेयक 2021 (Finance Bill 2021)

इस बिल में अधोसंरचना व विकास को वित्तपोषित करने के लिए नेशनल बैंक को 10 साल की आयकर छूट दी गई है। यह निजी क्षेत्र के विकास वित्त संस्थानों को 5 साल की कर छूट का भी प्रावधान करता है। यह छूट अगले पांच वर्षों के लिए बढ़ाई जा सकती है। यह विधेयक वित्त अधिनियम, आयकर अधिनियम, 1961 में संशोधन करता है। इस बिल के अनुसार, पेंशन और ब्याज आय पाने वाले वरिष्ठ नागरिकों को कर रिटर्न दाखिल करने से छूट दी गई है। हालांकि, इनकम टैक्स रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

आयकर अधिनियम, 1961 में नए प्रावधान

यह प्रावधान उस ‘निर्दिष्ट व्यक्ति’ द्वारा रिटर्न दाखिल न करने की प्रथा को हतोत्साहित करेगा जिसके मामले में कटौती या वसूली की गई है।

सीमित देयता भागीदारी अधिनियम, 2008

वित्त मंत्री ने कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत प्रक्रियात्मक और तकनीकी कंपाउंडेबल अपराधों के डिक्रिमिनलाइजेशन की तर्ज पर सीमित देयता भागीदारी (एलएलपी) अधिनियम, 2008 के डिक्रिमिनलाइजेशन का भी प्रस्ताव रखा है।

छोटी कंपनियों की परिभाषा

मंत्री ने पेड-अप कैपिटल की सीमा को बढ़ाकर छोटी कंपनियों के लिए कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत छोटी कंपनियों की परिभाषा को संशोधित करने का भी प्रस्ताव दिया है। पेड-अप कैपिटल को “50 लाख रुपये से अधिक नहीं” से बढ़ाकर “2 करोड़ रुपये से अधिक नहीं” कर दिया गया है।

Originally written on March 25, 2021 and last modified on March 25, 2021.

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