संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 4 दिसंबर को ‘एकपक्षीय दबाव उपायों के विरुद्ध अंतर्राष्ट्रीय दिवस’ घोषित किया

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 4 दिसंबर को ‘एकपक्षीय दबाव उपायों के विरुद्ध अंतर्राष्ट्रीय दिवस’ घोषित किया

एक महत्वपूर्ण राजनयिक पहल के तहत, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 17 जून 2025 को प्रस्ताव A/79/L.93 पारित कर 4 दिसंबर को ‘एकपक्षीय दबाव उपायों के विरुद्ध अंतर्राष्ट्रीय दिवस’ के रूप में घोषित किया है। इस प्रस्ताव के पक्ष में 116 देशों ने मतदान किया, जबकि 51 देशों ने विरोध किया और 6 ने मतदान से परहेज किया।

इस दिवस की पृष्ठभूमि और उद्देश्य

यह निर्णय उन एकपक्षीय आर्थिक, वित्तीय या व्यापार प्रतिबंधों के विरुद्ध वैश्विक जागरूकता फैलाने के लिए लिया गया है जो अंतरराष्ट्रीय कानून या संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन करते हैं। ऐसे प्रतिबंध विशेष रूप से विकासशील देशों की आर्थिक और सामाजिक प्रगति में बाधक माने जाते हैं।

प्रमुख तथ्य

  • घोषित तिथि: 4 दिसंबर (हर वर्ष, 2025 से आरंभ)
  • प्रस्ताव संख्या: A/79/L.93
  • मतदान परिणाम:

    • पक्ष में: 116 देश
    • विरोध में: 51 देश (मुख्य रूप से वैश्विक उत्तर जैसे EU, अमेरिका, ब्रिटेन, जापान, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा)
    • मतदान से विरत: 6 देश (तुर्किए, यूएई, कजाकिस्तान, पनामा, पैराग्वे, बहामास)

देशों की प्रतिक्रियाएँ

  • एरीट्रिया (UN चार्टर रक्षा समूह की ओर से):

    • एकपक्षीय प्रतिबंधों को “राजनीतिक और आर्थिक दबाव के औजार” बताया
    • कहा कि ये नागरिकों के भोजन, दवा और तकनीक तक पहुंच को बाधित करते हैं
  • जिम्बाब्वे (SADC की ओर से):

    • ज़िम्बाब्वे पिछले दो दशकों से एकपक्षीय प्रतिबंधों का सामना कर रहा है
    • 24 अक्टूबर को क्षेत्रीय “एंटी-सैंक्शन डे” पहले से मनाया जाता है
  • यूरोपीय संघ (पर्यवेक्षक):

    • प्रतिबंधों को अंतरराष्ट्रीय कानून की रक्षा और मानवाधिकार संरक्षण के लिए वैध उपकरण बताया
    • कहा कि उनके प्रतिबंध ‘लक्षित’ होते हैं, मानवीय पहुंच को नुकसान नहीं पहुंचाते
  • संयुक्त राज्य अमेरिका:

    • कहा कि उनके प्रतिबंध आतंकवाद, परमाणु प्रसार और संगठित अपराध से निपटने के लिए आवश्यक हैं
    • मानवीय प्रभाव को न्यूनतम करने के प्रयास किए जाते हैं

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • UN चार्टर का अनुच्छेद 41: केवल सुरक्षा परिषद द्वारा अधिकृत बहुपक्षीय प्रतिबंधों की अनुमति देता है
  • उद्देश्य: अंतरराष्ट्रीय कानून की पुष्टि, संप्रभुता का समर्थन और वैश्विक एकजुटता को बढ़ावा देना
  • वैश्विक विभाजन: प्रस्ताव को विकसित देशों ने नकारा जबकि विकासशील देशों ने समर्थन किया

इस दिवस का महत्व

यह नया अंतर्राष्ट्रीय दिवस एक प्रतीकात्मक प्रयास है, जो यह दर्शाता है कि कई देश एकपक्षीय प्रतिबंधों को अंतरराष्ट्रीय एकता और मानवाधिकारों के लिए हानिकारक मानते हैं। यह विकासशील देशों की आवाज़ को वैश्विक स्तर पर सामने लाने और आर्थिक न्याय सुनिश्चित करने की दिशा में एक प्रयास है। आने वाले वर्षों में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि यह दिवस वैश्विक संवाद और नीति निर्माण में क्या भूमिका निभाता है।

Originally written on June 19, 2025 and last modified on June 19, 2025.

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