संघर्ष और गरीबी का दुष्चक्र: संयुक्त राष्ट्र महासचिव का वैश्विक विकास में निवेश का आह्वान

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने 19 जून 2025 को न्यूयॉर्क में सुरक्षा परिषद की खुली बहस में एक गंभीर चेतावनी जारी की — कि जब तक दुनिया विकास में पर्याप्त निवेश नहीं करेगी, तब तक गरीबी और संघर्ष का चक्र टूटना असंभव है। उन्होंने कहा, “गरीबी निराशा को जन्म देती है, निराशा अशांति को और अशांति समाजों को तोड़ देती है।” यह बहस “गरीबी, पिछड़ापन और संघर्ष: अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा पर प्रभाव” विषय पर आयोजित की गई थी।

संघर्ष और गरीबी का परस्पर संबंध

  • वर्तमान में विश्व में लगभग 70 करोड़ लोग अत्यधिक गरीबी में जीवन व्यतीत कर रहे हैं, जिनमें से 40% संघर्ष-प्रभावित क्षेत्रों में रहते हैं।
  • जिन 10 देशों का मानव विकास सूचकांक (HDI) सबसे कम है, वे सभी किसी न किसी प्रकार के संघर्ष से ग्रस्त हैं।
  • गुटेरेस ने स्पष्ट किया कि धीमे विकास वाले क्षेत्रों में असमानता, भ्रष्टाचार, मानवाधिकार हनन और आतंकवाद जैसी समस्याएं पनपती हैं।

वैश्विक विकास संकट

  • सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) की दिशा में प्रगति धीमी हो चुकी है — दो-तिहाई लक्ष्य पटरी से उतर चुके हैं
  • विकासशील देशों को इन लक्ष्यों को 2030 तक पूरा करने के लिए हर साल $4 ट्रिलियन की आवश्यकता है, जो वर्तमान में उपलब्ध नहीं है।
  • आर्थिक मंदी, व्यापार तनाव, सहायता बजट में कटौती और सैन्य खर्च में वृद्धि जैसे रुझान 2023 तक दुनिया की दो-तिहाई आबादी को संघर्ष-प्रभावित देशों में धकेल सकते हैं।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • संयुक्त राष्ट्र ने 2015 में 17 सतत विकास लक्ष्य (SDGs) अपनाए थे, जिनका लक्ष्य 2030 तक वैश्विक गरीबी, असमानता और पर्यावरणीय समस्याओं का समाधान करना है।
  • 120 मिलियन से अधिक लोग वर्तमान में संघर्षों के कारण अपने घरों से विस्थापित हैं — एक अभूतपूर्व आंकड़ा।
  • “Financing for Development” सम्मेलन का चौथा संस्करण आने वाले समय में होगा, जहां विकास के लिए वैश्विक वित्तपोषण ढांचे पर विचार किया जाएगा।

समाधान की राह

गुटेरेस ने विकास को संघर्ष रोकने का सबसे प्रभावी उपाय बताया और निम्नलिखित क्षेत्रों में निवेश को प्राथमिकता देने की अपील की:

  • खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य, शिक्षा, आजीविका और सामाजिक सुरक्षा
  • हरित तकनीक और चरम मौसम की स्थितियों से निपटने की क्षमता का विकास
  • इंटरनेट, जल, भोजन और परिवहन तक समान पहुंच
  • न्यायसंगत और विश्वसनीय शासन प्रणाली का निर्माण

उन्होंने सुझाव दिया कि वैश्विक वित्तीय प्रणाली को पुनः संरचित कर ऋण राहत दी जानी चाहिए ताकि विकासशील देश कर्ज-जाल से बाहर निकल सकें और सतत विकास की दिशा में आगे बढ़ सकें।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव का यह संबोधन वैश्विक नेताओं के लिए एक स्पष्ट संदेश है — अगर दुनिया को स्थायी शांति और समृद्धि चाहिए, तो उसे गरीबी और संघर्ष के मूल कारणों से लड़ने के लिए अब ठोस और समन्वित विकासात्मक कदम उठाने होंगे।

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