श्री गुरु तेग बहादुर की 350वीं शहादत जयंती पर कुरुक्षेत्र में राष्ट्रीय श्रद्धांजलि

श्री गुरु तेग बहादुर की 350वीं शहादत जयंती पर कुरुक्षेत्र में राष्ट्रीय श्रद्धांजलि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुरुक्षेत्र में श्री गुरु तेग बहादुर जी की 350वीं शहादत जयंती के अवसर पर राष्ट्रव्यापी श्रद्धांजलि कार्यक्रम का नेतृत्व किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने नौवें सिख गुरु को समर्पित एक स्मारक डाक टिकट, विशेष सिक्का और एक कॉफी टेबल बुक जारी की। इस आयोजन ने न केवल गुरु तेग बहादुर जी की अमर विरासत को सम्मानित किया बल्कि राष्ट्रीय एकता और धार्मिक स्वतंत्रता के मूल्यों को भी पुनः स्मरण कराया।

कुरुक्षेत्र में राष्ट्रीय श्रद्धांजलि कार्यक्रम

हरियाणा सरकार द्वारा मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में आयोजित इस राज्य स्तरीय कार्यक्रम में हरियाणा सहित पंजाब, दिल्ली और उत्तर भारत के अन्य राज्यों से हजारों श्रद्धालु शामिल हुए। ज्योतिसर गांव में भव्य पंडाल और व्यवस्थाएं की गईं, जहाँ सुरक्षा, यातायात और सुविधा के व्यापक इंतज़ामों के बीच श्रद्धालुओं ने गुरु तेग बहादुर जी के उपदेशों को नमन किया।

अंतरधार्मिक एकता और गुरबानी संगीतमय प्रस्तुति

कार्यक्रम की विशेषता रही पटियाला के एक विद्यालय के 350 विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत सामूहिक गुरबानी कीर्तन, जिसमें हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई समुदायों के विद्यार्थी एक साथ शामिल हुए। लगभग आधे घंटे चली इस प्रस्तुति ने गुरु तेग बहादुर के त्याग, धार्मिक स्वतंत्रता और मानवता के संदेश को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया।

प्रधानमंत्री का संबोधन: सिख विरासत और राष्ट्रीय मूल्य

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कुरुक्षेत्र की पवित्र परंपरा को सिख इतिहास से जोड़ते हुए कहा कि यह भूमि अनेक सिख गुरुओं के आगमन से भी पावन हुई है। उन्होंने गुरु तेग बहादुर जी को “हिंद दी चादर” बताते हुए मुगल शासनकाल के अत्याचारों के विरुद्ध उनके साहसिक त्याग की सराहना की। मोदी ने भाई जटा (भाई जीवन सिंह) के योगदान को भी स्मरण किया, जिन्होंने गुरु जी का सिर आनंदपुर साहिब तक पहुंचाया था।प्रधानमंत्री ने सिख विरासत को सम्मान देने के लिए सरकार की पहलें गिनाईं जैसे प्रकाश पर्वों का भव्य आयोजन, करतारपुर कॉरिडोर, हेमकुंड साहिब रोपवे और विरासत-ए-खालसा के विस्तार की योजनाएं।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • यह आयोजन श्री गुरु तेग बहादुर जी की 350वीं शहादत जयंती के उपलक्ष्य में हुआ।
  • प्रधानमंत्री ने स्मारक डाक टिकट, विशेष सिक्का और कॉफी टेबल बुक का विमोचन किया।
  • कार्यक्रम हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले के ज्योतिसर गांव में आयोजित हुआ।
  • गुरु तेग बहादुर को “हिंद दी चादर” कहा जाता है, जिन्होंने धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा के लिए बलिदान दिया।

पंचजन्य स्मारक और गीता महोत्सव की गतिविधियाँ

अपने दौरे के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने ज्योतिसर स्थित महाभारत अनुभव केंद्र में पंचजन्य स्मारक का उद्घाटन किया। यह सुनहरे शंख के आकार की भव्य संरचना है, जिस पर भगवद गीता के श्लोक अंकित हैं। इसके बाद उन्होंने ब्रह्मसरovar पर अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 2025 के तहत ‘महाआरती’ की और विद्वानों से संवाद किया। प्रधानमंत्री ने महाभारत पर आधारित प्रदर्शनी दीर्घाओं का अवलोकन करते हुए कुरुक्षेत्र को भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक राजधानी के रूप में रेखांकित किया।

Originally written on November 26, 2025 and last modified on November 26, 2025.

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