श्रमिक कल्याण दिवस: असम के चाय बागान श्रमिकों की विरासत को सम्मान

श्रमिक कल्याण दिवस: असम के चाय बागान श्रमिकों की विरासत को सम्मान

केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने असम के डिब्रूगढ़ जिले के चाबुआ में श्रमिक कल्याण दिवस (Shramik Kalyan Divas) मनाया। यह दिवस असम के चाय बागान समुदाय के प्रमुख समाज सुधारक संतोष कुमार टोपनो की स्मृति में आयोजित किया गया। इस अवसर पर चाय उद्योग में कार्यरत श्रमिकों के योगदान और उनके कल्याण के लिए चल रहे प्रयासों को रेखांकित किया गया।

चाय बागान सुधारक को श्रद्धांजलि

श्रमिक कल्याण दिवस, संतोष कुमार टोपनो की जयंती के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने असम के चाय बागानों में श्रमिक अधिकारों और सामाजिक उत्थान के लिए जीवनभर संघर्ष किया। यह दिवस उन ऐतिहासिक संघर्षों की याद दिलाता है, जिनसे इन समुदायों ने बेहतर कार्य-परिस्थितियों और जीवन स्तर के लिए लंबा सफर तय किया है। आज भी उनकी विचारधारा असम के श्रमिक कल्याण कार्यक्रमों की प्रेरणा बनी हुई है।

सार्वजनिक कल्याण में उत्कृष्टता के लिए सम्मान

कार्यक्रम के दौरान सर्बानंद सोनोवाल ने शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक कल्याण के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले व्यक्तियों और संस्थाओं को सम्मानित किया। उन्हें चेक और प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए। इसके साथ ही, श्रम प्रधान इलाकों में बुनियादी ढांचे के विकास कार्यों को भी सराहा गया, जिससे इन क्षेत्रों में रोजगार और सुविधा दोनों का विस्तार हो सके।

राष्ट्र निर्माण में श्रमिकों की भूमिका

अपने संबोधन में मंत्री सोनोवाल ने कहा कि श्रमिक देश की प्रगति की रीढ़ हैं। उन्होंने कहा कि चाय उद्योग, असम की अर्थव्यवस्था और संस्कृति का आधार है, और लाखों श्रमिक इसकी निरंतरता सुनिश्चित करते हैं। उन्होंने श्रमिकों के लिए चल रही सरकारी योजनाओं जैसे स्वास्थ्य बीमा, शिक्षा सहायता और आवास सुधार को और प्रभावी बनाने की आवश्यकता पर बल दिया।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • संतोष कुमार टोपनो असम के प्रसिद्ध श्रमिक अधिकार कार्यकर्ता और समाज सुधारक थे।
  • श्रमिक कल्याण दिवस उनकी जयंती के अवसर पर मनाया जाता है।
  • असम का चाय उद्योग लाखों श्रमिकों को रोजगार प्रदान करता है और राज्य की अर्थव्यवस्था का प्रमुख स्तंभ है।
  • सरकार की कई योजनाएँ चाय बागान क्षेत्रों में स्वास्थ्य, शिक्षा और आवास सुधार पर केंद्रित हैं।

चाय क्षेत्रों में कल्याण योजनाओं का सशक्तीकरण

इस अवसर ने यह स्पष्ट किया कि सरकार का लक्ष्य चाय बागानों में रह रहे श्रमिक समुदायों की जीवन गुणवत्ता सुधारना है। शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाओं और स्थानीय बुनियादी ढांचे पर विशेष ध्यान देकर राज्य इन इलाकों की दशा बदलने की दिशा में काम कर रहा है। श्रमिक कल्याण दिवस न केवल उनके योगदान का सम्मान है, बल्कि असम के सामाजिक और आर्थिक विकास के प्रति समर्पण का प्रतीक भी है।

Originally written on November 24, 2025 and last modified on November 24, 2025.

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