शेनझोउ-21 मिशन: चीन की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं को नई उड़ान
चीन ने अपनी अंतरिक्ष योजनाओं को और मजबूती प्रदान करते हुए 31 अक्टूबर 2025 को शेनझोउ-21 मिशन का सफल प्रक्षेपण किया। यह मिशन न केवल तकनीकी दृष्टि से एक बड़ी उपलब्धि है, बल्कि वैज्ञानिक अनुसंधान और दीर्घकालिक मानव अंतरिक्ष यात्रा की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है। इस मिशन की खास बात यह है कि इसके साथ चीन के अब तक के सबसे युवा अंतरिक्ष यात्री के साथ-साथ चार लैब चूहों को भी अंतरिक्ष में भेजा गया है।
शेनझोउ-21 का प्रक्षेपण और दल की जानकारी
शेनझोउ-21 मिशन का प्रक्षेपण चीन के जिउक्वान सैटेलाइट लॉन्च सेंटर से स्थानीय समयानुसार रात 11:44 बजे लॉन्ग मार्च-2F रॉकेट के माध्यम से किया गया। यह केंद्र उत्तर-पश्चिमी चीन के गोबी रेगिस्तान में स्थित है। लगभग साढ़े तीन घंटे में यह अंतरिक्ष यान तियांगोंग अंतरिक्ष स्टेशन से जुड़ जाएगा।
इस छह महीने की मिशन अवधि के लिए चयनित तीन अंतरिक्ष यात्रियों में शामिल हैं:
- झांग लू – मिशन कमांडर
- वू फेई – फ्लाइट इंजीनियर (32 वर्ष, चीन के अब तक के सबसे युवा अंतरिक्ष यात्री)
- झांग होंगझांग – पेलोड विशेषज्ञ
चूहों के साथ नया जैविक प्रयोग
शेनझोउ-21 मिशन के तहत पहली बार चीन ने अंतरिक्ष में जैविक प्रयोगों के लिए चार लैब चूहों (दो नर, दो मादा) को भेजा है। इन प्रयोगों का उद्देश्य microgravity (सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण) वातावरण में स्तनधारी जीवों की शरीर क्रियाओं और प्रजनन पर पड़ने वाले प्रभावों का अध्ययन करना है। यह शोध भविष्य में चंद्रमा और अन्य ग्रहों पर मानव यात्रा के लिए मार्ग प्रशस्त करेगा।
तियांगोंग स्टेशन: चीन की ‘स्पेस ड्रीम’ योजना का केंद्र
2022 में पूर्ण हुआ तियांगोंग अंतरिक्ष स्टेशन चीन की दीर्घकालिक अंतरिक्ष रणनीति का केंद्र बिंदु है। यह स्टेशन न केवल अनुसंधान केंद्र है, बल्कि भावी चंद्र और इंटरप्लैनेटरी मिशनों के लिए प्रशिक्षण का आधार भी है। अंतरिक्ष यात्री इस मिशन के दौरान:
- बाहरी अंतरिक्ष में वॉक करेंगे,
- स्टेशन पर एंटी-डेब्रिस शील्ड लगाएंगे,
- और युवा छात्रों के लिए विज्ञान प्रेरणा गतिविधियों में भाग लेंगे।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- • शेनझोउ-21 का प्रक्षेपण 31 अक्टूबर 2025 को चीन के जिउक्वान लॉन्च सेंटर से हुआ।
- • वू फेई, 32 वर्ष, अब तक के सबसे युवा चीनी अंतरिक्ष यात्री हैं।
- • यह मिशन चीन की पहली in-orbit rodent experiments को अंजाम देगा।
- • इस मिशन के माध्यम से 2030 तक चंद्रमा पर मानव भेजने की योजना को समर्थन मिलेगा