शुक्र ग्रह के वायुमंडल में फॉस्फीन गैस की खोज: जीवन की संभावना की ओर नया संकेत

एक अंतरराष्ट्रीय खगोलविदों की टीम ने शुक्र ग्रह (Venus) के वायुमंडल में फॉस्फीन गैस (Phosphine – PH₃) की उपस्थिति की घोषणा की है, जिसने सौरमंडल में जीवन की संभावनाओं पर वैज्ञानिक समुदाय में नई हलचल पैदा कर दी है। यह खोज प्रतिष्ठित पत्रिका नेचर एस्ट्रोनॉमी (Nature Astronomy) में प्रकाशित एक अध्ययन के माध्यम से सामने आई है।
फॉस्फीन गैस और इसका महत्व
फॉस्फीन एक बिना रंग की लेकिन तीव्र गंध वाली गैस है, जो पृथ्वी पर मुख्य रूप से ऑक्सीजन रहित वातावरण में जीवित कुछ बैक्टीरिया द्वारा उत्पादित की जाती है। इसके अलावा यह गैस कुछ औद्योगिक प्रक्रियाओं में भी बनती है।शुक्र के वायुमंडल में फॉस्फीन की मौजूदगी वैज्ञानिकों के लिए इसलिए आश्चर्यजनक है क्योंकि वहां का वातावरण अत्यंत अम्लीय और गर्म है तथा किसी भी प्रकार के कार्बनिक जीवन के लिए प्रतिकूल माना जाता है। अध्ययन के अनुसार, शुक्र के वायुमंडल में लगभग 20 पार्ट प्रति बिलियन (ppb) की सांद्रता में फॉस्फीन पाई गई है।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण और संभावित व्याख्याएँ
वैज्ञानिकों ने यह स्पष्ट किया है कि यह खोज शुक्र पर जीवन की मौजूदगी का प्रत्यक्ष प्रमाण नहीं है। यह संभव है कि यह गैस किसी अज्ञात भौगोलिक या रासायनिक प्रक्रिया (geochemistry / photochemistry) से उत्पन्न हो रही हो, जिसे अभी तक विज्ञान नहीं पहचान पाया है।मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) की प्रोफेसर सारा सीगर, जो इस अध्ययन की प्रमुख लेखकों में से एक हैं, के अनुसार यह खोज शुक्र ग्रह को “जीवन की संभावनाओं वाले ग्रहों की सूची में ऊँचे स्थान पर” ले आई है। उन्होंने कहा कि “यदि फॉस्फीन जैविक गतिविधि से उत्पन्न हो रही है, तो यह ब्रह्मांडीय जीवन की खोज में एक ऐतिहासिक खोज सिद्ध हो सकती है।”
शुक्र ग्रह पर जीवन की संभावना
शुक्र ग्रह का घना वायुमंडल मुख्यतः कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) से बना है, और इसकी सतह का तापमान लगभग 460 डिग्री सेल्सियस तक पहुँचता है। परंतु वैज्ञानिकों का मानना है कि ग्रह के ऊपरी वायुमंडलीय स्तरों (cloud decks) पर तापमान और दबाव अपेक्षाकृत जीवन-संगत हो सकते हैं। ऐसे में वहाँ सूक्ष्मजीवों (microbes) के अस्तित्व की संभावना को पूरी तरह नकारा नहीं जा सकता।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- शुक्र ग्रह (Venus) सूर्य से दूसरा ग्रह है और आकार में पृथ्वी के लगभग बराबर है।
- इसका नाम रोमन देवी ‘वीनस’ के नाम पर रखा गया है, जो सौंदर्य की देवी मानी जाती हैं।
- शुक्र पर एक दिन की अवधि (243 पृथ्वी दिन) उसके एक वर्ष (225 पृथ्वी दिन) से भी अधिक लंबी है।
- फॉस्फीन (PH₃) पृथ्वी पर ऑक्सीजन-रहित जीवाणुओं द्वारा निर्मित कुछ गिनी-चुनी गैसों में से एक है।