शी जिनपिंग का ‘वैश्विक शासन पहल’ (Global Governance Initiative): SCO प्लस बैठक में नया दृष्टिकोण

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने 2 सितंबर को तियानजिन में आयोजित “शंघाई सहयोग संगठन प्लस” (SCO Plus) शिखर सम्मेलन के दौरान एक नई रणनीतिक पहल ‘वैश्विक शासन पहल’ (Global Governance Initiative – GGI) का प्रस्ताव रखा। यह बैठक शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के संवाद साझेदारों और पर्यवेक्षकों को साथ लाने वाला अब तक का सबसे बड़ा आयोजन था, जिसमें लगभग 20 देशों के प्रमुख और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के नेता शामिल हुए।

वैश्विक शासन प्रणाली के लिए नया मोड़

अपने उद्घाटन भाषण में शी जिनपिंग ने कहा कि वैश्विक शासन अब एक “नए चौराहे” पर आ गया है। उन्होंने इस संदर्भ में GGI की रूपरेखा प्रस्तुत की, जो आने वाले वर्षों में एक साझा मानवता के भविष्य की दिशा में आगे बढ़ने की परिकल्पना है।
GGI के प्रमुख सिद्धांत:

  • संप्रभु समानता का सम्मान
  • अंतरराष्ट्रीय कानून के पालन पर बल
  • बहुपक्षवाद (Multilateralism) का अभ्यास
  • जन-केंद्रित दृष्टिकोण को अपनाना
  • वास्तविक कार्यों पर ध्यान केंद्रित करना
  • मानवता के साझा मूल्यों को बढ़ावा देना

SCO देशों के लिए स्वास्थ्य सेवा में सहयोग

GGI के तहत अगले पाँच वर्षों में चीन ने SCO देशों के लिए स्वास्थ्य सेवा सहयोग की भी घोषणा की:

  • 500 जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित रोगियों का इलाज
  • 5,000 मोतियाबिंद ऑपरेशन
  • 10,000 कैंसर स्क्रीनिंग

यह कदम चीन की “मानव केंद्रित विकास” रणनीति के अनुरूप है और स्वास्थ्य कूटनीति के जरिए अपने प्रभाव को बढ़ाने का एक और प्रयास है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की स्थापना 2001 में हुई थी, जिसमें भारत, चीन, रूस, पाकिस्तान, कजाखिस्तान, उज्बेकिस्तान, किर्गिस्तान और ताजिकिस्तान जैसे सदस्य शामिल हैं।
  • Türkiye (तुर्किये) SCO के 15 संवाद साझेदारों में से एक है।
  • तियानजिन में हुआ यह सम्मेलन चीन द्वारा आयोजित किया गया SCO का पाँचवां सम्मेलन था।
  • GGI, राष्ट्रपति शी जिनपिंग की चौथी प्रमुख वैश्विक पहल है, इससे पहले उन्होंने Global Security Initiative (GSI), Global Development Initiative (GDI) और Global Civilization Initiative (GCI) प्रस्तुत की थीं।

निष्कर्ष

चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग द्वारा प्रस्तुत ‘वैश्विक शासन पहल’ (GGI) चीन के नवीन वैश्विक नेतृत्व दृष्टिकोण को दर्शाता है, जिसमें बहुपक्षीयता, विकासशील देशों के लिए सहयोग, और साझा मानव मूल्य प्रणाली को केंद्र में रखा गया है। SCO प्लस बैठक में यह पहल चीन की नरम कूटनीति (soft power) और सार्वजनिक वैश्विक वस्तुओं के माध्यम से प्रभाव बढ़ाने की रणनीति का हिस्सा प्रतीत होती है। आने वाले वर्षों में यह देखा जाना बाकी है कि क्या GGI वास्तव में वैश्विक शासन की दिशा में कोई ठोस संरचनात्मक बदलाव ला पाएगी, या यह केवल प्रतीकात्मक प्रस्तावों तक ही सीमित रहेगी।

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