शीतल देवी: पहले सक्षम खिलाड़ियों के अंतरराष्ट्रीय मुकाबले में चुनी गई भारतीय पैरा-एथलीट

शीतल देवी: पहले सक्षम खिलाड़ियों के अंतरराष्ट्रीय मुकाबले में चुनी गई भारतीय पैरा-एथलीट

भारतीय खेल जगत में एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज करते हुए, जम्मू-कश्मीर की 18 वर्षीय पैरा-तीरंदाज शीतल देवी को पहली बार किसी अंतरराष्ट्रीय सक्षम खिलाड़ियों की प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना गया है। वे एशिया कप 2025 स्टेज 3 (जेद्दा, 9–16 दिसंबर) में कंपाउंड वर्ग में भारत की ओर से हिस्सा लेंगी। यह चयन शारीरिक सीमाओं से परे समावेशिता और उत्कृष्टता का प्रतीक बन गया है।

एशिया कप 2025 के लिए ऐतिहासिक चयन

शीतल देवी ने सोनीपत स्थित भारतीय खेल प्राधिकरण केंद्र में आयोजित राष्ट्रीय ट्रायल्स में 60 सक्षम महिला तीरंदाजों के बीच प्रतिस्पर्धा की। उन्होंने क्वालीफिकेशन राउंड में कुल 703 अंक अर्जित किए—352 और 351 अंकों के दो राउंड के साथ। इस शानदार प्रदर्शन के बल पर उन्हें 16 सदस्यीय भारतीय तीरंदाजी दल में स्थान मिला।
यह प्रतियोगिता सामान्यतः जूनियर खिलाड़ियों के लिए मानी जाती है, लेकिन शीतल का चयन यह दर्शाता है कि प्रतिभा किसी वर्ग या सीमा की मोहताज नहीं होती।

पैरा-खेलों की सीमाओं को तोड़ती एक प्रेरणादायक यात्रा

शीतल देवी का जन्म फोकोमेलिया नामक दुर्लभ जन्मजात विकार के साथ हुआ था, जिसके कारण उनके दोनों हाथ नहीं हैं। लेकिन उन्होंने अपने पैरों और कंधों की सहायता से तीरंदाजी का अभ्यास कर अद्वितीय तकनीक विकसित की।
जहाँ अन्य पैरा-एथलीट जैसे प्रवीण कुमार, सुमित अंतिल और मनीष नरवाल भारत में सक्षम खिलाड़ियों के राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में भाग ले चुके हैं, वहीं शीतल पहली हैं जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस मुकाम को छुआ है।

प्रेरणा और आत्मबल की कहानी

शीतल ने अपनी प्रेरणा तुर्की की पैरा और सक्षम खिलाड़ी ओज़नूर क्यूरे गिर्दी से प्राप्त की। उन्होंने साझा किया कि कभी सक्षम खिलाड़ियों के साथ प्रतिस्पर्धा करना उनके लिए एक दूर का सपना था, लेकिन बार-बार ट्रायल्स में भाग लेने और असफलताओं के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी।
आज वे न केवल पैरा-खिलाड़ियों के लिए बल्कि सभी युवाओं के लिए एक प्रेरणा बन गई हैं, जो यह सिखाती हैं कि असंभव कुछ भी नहीं।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • • शीतल देवी सक्षम खिलाड़ियों की अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में चुनी जाने वाली पहली भारतीय पैरा-एथलीट हैं।
  • • वे एशिया कप 2025 स्टेज 3 (जेद्दा) में कंपाउंड वर्ग में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी।
  • • शीतल का जन्म फोकोमेलिया नामक स्थिति के साथ हुआ और वे पैरों की सहायता से प्रतिस्पर्धा करती हैं।
  • • वे पैरा ओलंपिक में मिक्स्ड टीम कंपाउंड स्पर्धा में कांस्य पदक भी जीत चुकी हैं।
Originally written on November 7, 2025 and last modified on November 7, 2025.

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