शहरी भूमि अभिलेखों के आधुनिकीकरण हेतु ‘नक्षा’ और ‘लैंडस्टैक’ पर राष्ट्रीय संगोष्ठी

शहरी भूमि अभिलेखों के आधुनिकीकरण हेतु ‘नक्षा’ और ‘लैंडस्टैक’ पर राष्ट्रीय संगोष्ठी

भूमि संसाधन विभाग (Department of Land Resources) 3 दिसंबर 2025 को नई दिल्ली के भारत मंडपम में ‘नक्षा’ (NAKSHA) और ‘लैंडस्टैक’ (LandStack) पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन करेगा। यह कार्यक्रम “जियोस्मार्ट इंडिया 2025” के अंतर्गत आयोजित किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य भू-स्थानिक (Geospatial) प्रौद्योगिकियों के उपयोग को तेज़ करना और शहरी भूमि अभिलेखों के आधुनिकीकरण के साथ नागरिक सेवाओं को अधिक सशक्त बनाना है।

नक्षा पायलट: शहरी भूमि मानचित्रण में नई तकनीक

इस संगोष्ठी में नक्षा पायलट परियोजना की विस्तृत समीक्षा प्रस्तुत की जाएगी, जो आधुनिक हवाई सर्वेक्षण (Aerial Survey) और फीचर एक्सट्रैक्शन तकनीकों का उपयोग करके 157 से अधिक शहरों की भूमि का मानचित्रण कर रही है। चर्चा का केंद्र तकनीकी चुनौतियाँ होंगी जैसे घनी आबादी वाले क्षेत्रों में सटीकता बनाए रखना और मौजूदा कैडस्ट्रल (cadastral) मानचित्रों के साथ हवाई डेटा का समन्वय करना। यह परियोजना भूमि सर्वेक्षण और शहरी संपत्ति अभिलेखन की प्रक्रिया में एक नई पारदर्शिता लाने का प्रयास है।

लैंडस्टैक: एकीकृत डिजिटल भूमि पारिस्थितिकी तंत्र की दिशा में

संगोष्ठी में विशेषज्ञ भारत के प्रस्तावित “लैंडस्टैक” आर्किटेक्चर पर भी विचार करेंगे। यह एक ऐसा एकीकृत डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म है जिसका उद्देश्य कैडस्ट्रल लेयर, भू-स्थानिक डेटा सेट और प्रशासनिक अभिलेखों को एक फेडरेटेड मॉडल में जोड़ना है। इस प्रणाली को राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप विकसित किया जा रहा है ताकि राज्यों और एजेंसियों के बीच डेटा का सहज आदान-प्रदान सुनिश्चित हो सके।

उरप्रो कार्ड: एकीकृत डिजिटल संपत्ति दस्तावेज़ की दिशा में

कार्यक्रम का एक प्रमुख विषय होगा “उरप्रो कार्ड” (UrPro Card) जिसे एकल डिजिटल संपत्ति दस्तावेज़ के रूप में परिकल्पित किया गया है। संगोष्ठी में इस कार्ड को संपत्ति पंजीकरण, नामांतरण, संपत्ति कर और भवन निर्माण अनुमति जैसी प्रक्रियाओं में समाहित करने के लिए आवश्यक विधिक सुधारों और संस्थागत समन्वय पर चर्चा की जाएगी। इसका उद्देश्य नागरिकों को सुरक्षित, पारदर्शी और हस्तांतरणीय डिजिटल संपत्ति अधिकार प्रदान करना है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • नक्षा पायलट 157 से अधिक शहरी केंद्रों में भूमि मानचित्रण कर रहा है।
  • लैंडस्टैक का उद्देश्य कैडस्ट्रल, भू-स्थानिक और प्रशासनिक अभिलेखों को एक मंच पर एकीकृत करना है।
  • उरप्रो कार्ड एक एकल डिजिटल संपत्ति दस्तावेज़ के रूप में प्रस्तावित है।
  • वेबजीआईएस, एआई/एमएल और 3डी मैपिंग तकनीकें इस संगोष्ठी में प्रमुख रूप से प्रदर्शित होंगी।

तकनीक आधारित शहरी भूमि शासन की ओर

संगोष्ठी में वेबजीआईएस (WebGIS) और क्लाउड-आधारित भू-स्थानिक सेवाओं का प्रदर्शन किया जाएगा, जो भूमि प्रशासन में पारदर्शिता, सटीकता और जवाबदेही बढ़ाने में सहायक हैं। यह पहल सरकार की “सम्पूर्ण शासन दृष्टि” (Whole-of-Government Approach) को दर्शाती है, जिसका लक्ष्य पुराने प्रणालियों को आधुनिक, नागरिक-केंद्रित डिजिटल भूमि प्रशासन से बदलना है। यह प्रयास ‘विकसित भारत’ के विज़न को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

Originally written on December 3, 2025 and last modified on December 3, 2025.

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