शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की तियानजिन घोषणा में पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा

शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के नेताओं ने 1 सितंबर को एक संयुक्त घोषणा जारी की, जिसमें अप्रैल में भारत के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़े शब्दों में निंदा की गई। यह उल्लेख भारत की आतंकवाद के विरुद्ध वैश्विक समर्थन जुटाने की कूटनीतिक जीत के रूप में देखा जा रहा है, विशेषकर तब जब जून में आयोजित रक्षा मंत्रियों की बैठक में इस हमले का कोई ज़िक्र नहीं किया गया था।
SCO का बदलता रुख और भारत की कूटनीति
तियानजिन में जारी इस संयुक्त घोषणा में SCO सदस्य देशों ने सभी प्रकार के आतंकवाद की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि “ऐसे हमलों के योजनाकारों, प्रायोजकों और समर्थकों को न्याय के कठघरे में लाया जाना चाहिए।” पहलगाम हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान गई थी। इस हमले का स्पष्ट उल्लेख भारत के लिए एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक उपलब्धि है, खासकर जब पाकिस्तान ने पहले के मसौदे में इसका उल्लेख रोका था।
भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जून में चीन के क़िंगदाओ में आयोजित SCO रक्षा मंत्रियों की बैठक में उक्त मसौदे पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया था, क्योंकि उसमें भारत के आतंकवाद से जुड़े मुद्दों को नज़रअंदाज़ किया गया था। हालांकि, तीन महीने बाद नेताओं की शिखर बैठक में भारत के रुख को मान्यता मिली और पहलगाम के साथ-साथ पाकिस्तान के बलूचिस्तान में हुए आतंकी हमलों का भी ज़िक्र किया गया।
चीन की भूमिका और समीकरणों में बदलाव
तियानजिन घोषणा का यह रुख चीन के अतीत के व्यवहार से एक अलग दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है। चीन ने लंबे समय तक पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर आतंकवाद के आरोपों से बचाने की कोशिश की है। उदाहरण के तौर पर, उसने जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र की आतंकी सूची में डलवाने में वर्षों तक अड़चनें डालीं। इसी तरह 2023 में चीन ने मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड साजिद मीर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के अमेरिकी प्रस्ताव को भी रोक दिया था।
परंतु हाल के घटनाक्रमों से संकेत मिलता है कि भारत और चीन के संबंधों में कुछ नरमी आई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सात वर्षों में पहली बार चीन का दौरा किया और राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाक़ात की। तियानजिन घोषणा में पहलगाम का ज़िक्र, चीन द्वारा भारत की चिंताओं को समझने की दिशा में एक संकेत माना जा रहा है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की स्थापना 2001 में हुई थी और इसमें भारत 2017 से पूर्ण सदस्य है।
- SCO का मुख्य उद्देश्य क्षेत्रीय सुरक्षा, आतंकवाद विरोध, आर्थिक सहयोग और सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देना है।
- पहलगाम, जम्मू-कश्मीर का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है, जहाँ अप्रैल 2025 में आतंकी हमला हुआ था।
- चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC), चीन की बेल्ट एंड रोड पहल का हिस्सा है, जिसमें चीन ने पाकिस्तान में भारी निवेश किया है।
निष्कर्ष
हालांकि तियानजिन घोषणा में पाकिस्तान का नाम नहीं लिया गया, पर पहलगाम हमले का स्पष्ट उल्लेख भारत के लिए एक कूटनीतिक जीत है। यह संकेत करता है कि चीन भारत के साथ अपने संबंधों में नई समझ और संतुलन लाने का प्रयास कर रहा है, भले ही वह अब भी पाकिस्तान को ‘ऑल वेदर फ्रेंड’ मानता हो। भारत की कूटनीतिक सक्रियता और SCO जैसे बहुपक्षीय मंचों पर प्रभावशाली भागीदारी, आतंकवाद के विरुद्ध वैश्विक सहमति बनाने की दिशा में अहम भूमिका निभा रही है।