वैश्विक दक्षिण के लिए भारत-यूएन क्षमता निर्माण पहल: पहले चरण में चार विकास परियोजनाएं शुरू

वैश्विक दक्षिण के लिए भारत-यूएन क्षमता निर्माण पहल: पहले चरण में चार विकास परियोजनाएं शुरू

भारत ने “भारत-यूएन वैश्विक क्षमता निर्माण पहल” के तहत पहले चरण में चार विकास परियोजनाएं लॉन्च की हैं, जिनका उद्देश्य वैश्विक दक्षिण (Global South) के देशों को सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) को प्राप्त करने में सहायता प्रदान करना है। यह पहल भारत के विकास साझेदारी प्रयासों का स्वाभाविक विस्तार है और दक्षिण-दक्षिण सहयोग को और मजबूती देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

पहल की प्रमुख परियोजनाएं और भागीदार देश

इस पहल की औपचारिक शुरुआत 1 अगस्त 2025 को विदेश मंत्रालय के सचिव (पश्चिम) तन्मय लाल द्वारा की गई। इस अवसर पर भागीदार देशों के मिशन प्रमुख, यूएन एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी और भारत सरकार के शीर्ष प्रतिनिधि उपस्थित थे।
पहले चरण में जिन चार परियोजनाओं की घोषणा की गई, वे हैं:

  1. नेपाल में चावल सशक्तिकरण और आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन – यह परियोजना विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) के सहयोग से संचालित की जाएगी।
  2. जाम्बिया और लाओस में डिजिटल स्वास्थ्य प्लेटफॉर्म का विकास – संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) के सहयोग से इस परियोजना को लागू किया जाएगा।
  3. कैरिबियाई देशों में जनगणना की तैयारी – बेलीज़, बारबाडोस, सेंट किट्स एंड नेविस, सुरिनाम, और त्रिनिदाद एवं टोबैगो के अधिकारियों को जनगणना के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा, यह कार्य यूएन पॉपुलेशन फंड (UNFPA) के सहयोग से होगा।
  4. दक्षिण सूडान में व्यावसायिक प्रशिक्षण – यह कार्य यूनेस्को (UNESCO) के सहयोग से संचालित किया जाएगा।

इन सभी प्रशिक्षण कार्यक्रमों की शुरुआत सितंबर 2025 से होगी और इन्हें भारतीय तकनीकी एवं आर्थिक सहयोग कार्यक्रम (ITEC) के अंतर्गत नामित भारतीय प्रशिक्षण संस्थानों के माध्यम से कार्यान्वित किया जाएगा।

ITEC कार्यक्रम और दक्षिण-दक्षिण सहयोग की भूमिका

भारत का ITEC कार्यक्रम, जो प्रति वर्ष 12,000 से अधिक प्रशिक्षण स्लॉट्स लगभग 160 देशों को प्रदान करता है, इस नई पहल की आधारशिला है। अब तक 2.25 लाख से अधिक पेशेवरों को 400 से अधिक विशेषीकृत पाठ्यक्रमों के माध्यम से प्रशिक्षण दिया जा चुका है। इस नई पहल में, संयुक्त राष्ट्र एजेंसियां अपने-अपने होस्ट देशों की जरूरतों के अनुरूप परियोजनाएं निर्धारित करेंगी और प्रशिक्षण ITEC के माध्यम से प्रदान किया जाएगा।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • “भारत-यूएन वैश्विक क्षमता निर्माण पहल” की घोषणा सितंबर 2023 में न्यूयॉर्क में UNGA-78 के दौरान की गई थी।
  • ITEC भारत का प्रमुख तकनीकी और आर्थिक सहयोग कार्यक्रम है, जिसकी स्थापना 1964 में हुई थी।
  • सतत विकास लक्ष्य (SDGs) संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्धारित 17 लक्ष्य हैं, जिन्हें 2030 तक प्राप्त करने का वैश्विक संकल्प है।
  • दक्षिण-दक्षिण सहयोग विकासशील देशों के बीच तकनीकी, आर्थिक और संस्थागत ज्ञान के आदान-प्रदान को बढ़ावा देता है।

निष्कर्ष

भारत द्वारा शुरू की गई यह पहल न केवल अंतरराष्ट्रीय मंच पर उसकी भूमिका को सुदृढ़ करती है, बल्कि यह विकासशील देशों के लिए एक दीर्घकालिक साझेदारी की दिशा में ठोस प्रयास है। इससे यह स्पष्ट होता है कि भारत अब वैश्विक दक्षिण के देशों के लिए केवल एक सहयोगी नहीं, बल्कि विकास का मार्गदर्शक बनकर उभर रहा है।

Originally written on August 4, 2025 and last modified on August 4, 2025.

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