वैज्ञानिक अनुसंधान में भारत की नई उड़ान: 2277 करोड़ की ‘क्षमता निर्माण और मानव संसाधन विकास योजना’ को मंजूरी

वैज्ञानिक अनुसंधान में भारत की नई उड़ान: 2277 करोड़ की ‘क्षमता निर्माण और मानव संसाधन विकास योजना’ को मंजूरी

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग (DSIR) तथा वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) की “क्षमता निर्माण और मानव संसाधन विकास” योजना को 2277.397 करोड़ रुपये के बजट के साथ स्वीकृति प्रदान की है। यह योजना पंद्रहवें वित्त आयोग चक्र (2021-22 से 2025-26) के दौरान लागू की जाएगी। इसका उद्देश्य भारत में अनुसंधान एवं विकास (R&D) की दिशा में युवाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करना और विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, चिकित्सा और गणितीय विज्ञान (STEMM) में मानव संसाधन का विकास करना है।

योजना की प्रमुख विशेषताएं

इस योजना को CSIR द्वारा कार्यान्वित किया जाएगा और यह देश भर के सभी अनुसंधान संस्थानों, राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं, राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों, प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों को कवर करेगी। यह पहल वैज्ञानिक अनुसंधान में करियर बनाने के इच्छुक युवा शोधकर्ताओं के लिए एक बड़ा मंच प्रदान करती है, जहाँ वे प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों और प्रोफेसरों के मार्गदर्शन में काम कर सकेंगे।
इस योजना के अंतर्गत चार प्रमुख उप-योजनाएं शामिल हैं:

  1. डॉक्टोरल और पोस्टडॉक्टोरल फैलोशिप योजना
  2. बाह्य अनुसंधान योजना, एमेरिटस वैज्ञानिक योजना और भटनागर फैलोशिप कार्यक्रम
  3. पुरस्कार योजना के माध्यम से उत्कृष्टता को बढ़ावा देना और मान्यता देना
  4. यात्रा और संगोष्ठी अनुदान योजना के माध्यम से ज्ञान साझा करना

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) भारत की अग्रणी अनुसंधान संस्था है, जो 84 वर्षों से देश की सेवा में सक्रिय है।
  • भारत वर्ष 2024 में वैश्विक नवाचार सूचकांक (Global Innovation Index) में 39वें स्थान पर पहुंच गया है, जो सरकार की R&D पहलों का परिणाम है।
  • अमेरिका की NSF रिपोर्ट के अनुसार, वैज्ञानिक पत्रों के प्रकाशन में भारत अब विश्व के शीर्ष तीन देशों में शामिल है।
  • योजना का उद्देश्य प्रति दस लाख जनसंख्या पर अनुसंधानकर्ताओं की संख्या में वृद्धि कर भारत को वैज्ञानिक लक्ष्यों की ओर अग्रसर करना है।
Originally written on September 26, 2025 and last modified on September 26, 2025.

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