वेस्ट पिकर एन्यूमरेशन ऐप: NAMASTE योजना के तहत सफाई कर्मियों को औपचारिक पहचान और सामाजिक सुरक्षा की दिशा में एक बड़ा कदम

5 जून 2025 को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय (MoSJE) ने नई दिल्ली में ‘वेस्ट पिकर एन्यूमरेशन ऐप’ का शुभारंभ किया। यह ऐप राष्ट्रीय स्तर पर कचरा बीनने वाले (वेस्ट पिकर्स) व्यक्तियों की प्रोफाइलिंग के लिए विकसित किया गया है, जिससे उन्हें औपचारिक पहचान, सामाजिक सुरक्षा, कौशल विकास और सामूहिक सशक्तिकरण प्रदान किया जा सके।
NAMASTE योजना का विस्तार: वेस्ट पिकर्स का समावेश
NAMASTE (National Action for Mechanised Sanitation Ecosystem) योजना को 2022 में शहरी भारत में सफाई कर्मियों की सुरक्षा और गरिमा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से शुरू किया गया था। जून 2024 में इस योजना का दायरा बढ़ाकर वेस्ट पिकर्स को भी शामिल किया गया, जो देश भर में लगभग 2.5 लाख हैं।
वेस्ट पिकर एन्यूमरेशन ऐप की प्रमुख विशेषताएं
- डिजिटल प्रोफाइलिंग: ऐप के माध्यम से वेस्ट पिकर्स की डिजिटल प्रोफाइलिंग की जाएगी, जिससे उनकी पहचान और कार्य की जानकारी संग्रहित की जा सके।
- औपचारिक पहचान पत्र: प्रोफाइलिंग के बाद वेस्ट पिकर्स को औपचारिक फोटो पहचान पत्र जारी किए जाएंगे।
- स्वास्थ्य बीमा: आयुष्मान भारत (PM-JAY) योजना के तहत वेस्ट पिकर्स को स्वास्थ्य बीमा प्रदान किया जाएगा।
- सुरक्षा उपकरण और प्रशिक्षण: वेस्ट पिकर्स को व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (PPE) किट, कौशल विकास प्रशिक्षण और पूंजी सब्सिडी प्रदान की जाएगी।
- सामूहिक सशक्तिकरण: वेस्ट पिकर समूहों को सशक्त बनाकर 750 ड्राई वेस्ट कलेक्शन सेंटर्स (DWCCs) के प्रबंधन में सक्षम बनाया जाएगा।
नीति और अभ्यास के लिए नए ज्ञान उत्पाद
लॉन्च इवेंट के दौरान दो प्रमुख ज्ञान उत्पाद भी जारी किए गए:
- ‘Resource Guide: Mainstreaming Waste Picker Collectives as Service Delivery Partners’ – यह मार्गदर्शिका शहरी प्रबंधकों और योजनाकारों के लिए वेस्ट पिकर समूहों के साथ साझेदारी करने के लिए व्यावहारिक दिशानिर्देश प्रदान करती है।
- ‘Charting Change: Socio-Economic Insights into India’s Sanitation Workforce (2023–2025)’ – यह रिपोर्ट भारत की सफाई कार्यबल के सामाजिक-आर्थिक पहलुओं पर विस्तृत जानकारी प्रदान करती है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- NAMASTE योजना का उद्देश्य: शहरी भारत में सफाई कर्मियों की सुरक्षा और गरिमा सुनिश्चित करना, उन्हें सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जोड़ना, और वैकल्पिक आजीविका के अवसर प्रदान करना।
- लाभार्थियों की संख्या: योजना के तहत अब तक 80,000 से अधिक सीवर और सेप्टिक टैंक सफाई कर्मियों की प्रोफाइलिंग की जा चुकी है, और 26,447 आयुष्मान भारत स्वास्थ्य कार्ड वितरित किए गए हैं।
- लक्ष्य शहरों की संख्या: NAMASTE योजना को 500 शहरों में लागू किया जा रहा है, जो AMRUT शहरों के साथ समन्वयित हैं।
- कार्यकाल: योजना 2022 से 2026 तक की अवधि के लिए लागू की गई है।
वेस्ट पिकर एन्यूमरेशन ऐप का शुभारंभ भारत सरकार की ओर से एक महत्वपूर्ण पहल है, जो वेस्ट पिकर्स को औपचारिक प्रणाली में शामिल करने, उनकी सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने, और उन्हें सम्मानजनक आजीविका प्रदान करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह पहल न केवल पर्यावरणीय न्याय को बढ़ावा देती है, बल्कि भारत के सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में भी सहायक है।