वीरा रानी अब्बक्का (Veera Rani Abbakka) कौन थीं?

वीरा रानी अब्बक्का (Veera Rani Abbakka) कौन थीं?

उल्लाल वीरा रानी अब्बक्का उत्सव समिति ने हाल ही में दिसंबर 2021 में वीरा रानी अब्बक्का महोत्सव के दौरान वीरा रानी अब्बक्का पुरस्कार प्रदान करने का निर्णय लिया।

मुख्य बिंदु 

  • यह पुरस्कार 21 दिसंबर, 2021 को एक उपलब्धि हासिल करने वाली महिला को प्रदान किया जाएगा।
  • इस पुरस्कार में नकद और अवार्ड पैनल शामिल हैं।
  • 21 दिसंबर को वीरा रानी अब्बक्का उत्सव की रजत जयंती भी है।
  • उल्लाल नगर पालिका परिसर में 21 दिसंबर को उत्सव मनाया जाएगा।

किसे सम्मानित किया जाएगा?

वीरा रानी अब्बक्का पुरस्कार उस महिला को दिया जाएगा जिसने अनुसंधान और संस्कृति में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। यह पुरस्कार तुलु पृष्ठभूमि वाली महिला को दिया जाएगा, जिसने खेल, कला, समाज सेवा और ऐसे अन्य क्षेत्रों में पर्याप्त उपलब्धि हासिल की है।

रानी अब्बक्का चौटा (Rani Abbakka Chowta)

रानी अब्बाका चौटा उल्लाल की पहली तुलुवा रानी थीं। उन्होंने 16वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में पुर्तगालियों से लड़ाई लड़ी। रानी चौटा वंश से संबंधित थीं, जिन्होंने तटीय कर्नाटक (तुलु नाडु) के कुछ हिस्सों पर शासन किया था। राजवंश की राजधानी पुट्टीगे थी। उल्लाल का बंदरगाह शहर उनकी सहायक राजधानी थी। उल्लाल को रणनीतिक रूप से रखा गया था, जिसके कारण पुर्तगालियों ने इसे पकड़ने के कई प्रयास किए। लेकिन रानी ने चार दशकों से अधिक समय तक उनके हमलों का मुकाबला किया। उनकी बहादुरी के कारण उन्हें अभय रानी के नाम से जाना जाने लगा।

Originally written on December 18, 2021 and last modified on December 18, 2021.

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