विश्व सीओपीडी दिवस: सांस की कमी को नज़रअंदाज़ न करें
हर साल नवंबर के तीसरे बुधवार को मनाया जाने वाला विश्व सीओपीडी दिवस (World COPD Day) फेफड़ों से जुड़ी एक गंभीर बीमारी क्रॉनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पल्मोनरी डिज़ीज़ (COPD) के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए समर्पित है। यह रोग दुनियाभर में श्वसन अक्षमता और मृत्यु का एक प्रमुख कारण है। इस वर्ष का विषय “Short of Breath, Think COPD” (यदि सांस फूल रही है, तो सोचिए – क्या यह सीओपीडी है?) शुरुआती पहचान और सही उपचार पर जोर देता है।
सीओपीडी क्या है और इसके मुख्य कारण
सीओपीडी एक दीर्घकालिक (chronic) श्वसन रोग है जिसमें वायु मार्ग संकुचित हो जाते हैं, जिससे सांस लेना कठिन हो जाता है। इसमें दो प्रमुख स्थितियाँ शामिल हैं एम्फ़ायज़ीमा (Emphysema) और क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस (Chronic Bronchitis)। इसके लक्षणों में लगातार खांसी, बलगम का बनना, घरघराहट और थोड़ी सी शारीरिक गतिविधि पर भी सांस फूलना शामिल है।लंबे समय तक धूम्रपान, वायु प्रदूषण, और औद्योगिक रसायनों या धूल के संपर्क में रहना इसके प्रमुख कारण माने जाते हैं। विशेष रूप से तंबाकू धुआं सीओपीडी का सबसे बड़ा जोखिम कारक है।
सीओपीडी के उपचार के सामान्य तरीके
सीओपीडी के इलाज में मुख्यतः दो प्रकार के इन्हेलर (inhalers) का उपयोग किया जाता है रिस्क्यू इन्हेलर और प्रिवेंटिव इन्हेलर।रिस्क्यू इन्हेलर अचानक सांस फूलने की स्थिति में त्वरित राहत देते हैं क्योंकि इनमें तेज़ी से असर करने वाले ब्रॉन्कोडायलेटर्स होते हैं। वहीं, प्रिवेंटिव इन्हेलर नियमित रूप से इस्तेमाल करने पर वायुमार्ग की सूजन कम करते हैं और रोग की प्रगति को धीमा करते हैं।
रिस्क्यू इन्हेलर के अत्यधिक उपयोग की चिंता
विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि रिस्क्यू इन्हेलर पर अत्यधिक निर्भरता खतरनाक हो सकती है। इसका बार-बार उपयोग यह संकेत देता है कि रोगी या तो प्रिवेंटिव उपचार का सही पालन नहीं कर रहा है या चिकित्सा सलाह का अनुपालन कमजोर है।कई लोग यह मान लेते हैं कि रिस्क्यू इन्हेलर अधिक प्रभावी हैं क्योंकि वे तत्काल राहत देते हैं, जबकि वास्तव में यह राहत अस्थायी होती है और बीमारी के मूल कारण को नहीं मिटाती।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- विश्व सीओपीडी दिवस हर वर्ष नवंबर के तीसरे बुधवार को मनाया जाता है।
- सीओपीडी विश्व में मृत्यु का तीसरा सबसे बड़ा कारण है।
- रिस्क्यू इन्हेलर केवल तात्कालिक राहत देते हैं, वे बीमारी को नियंत्रित नहीं करते।
- प्रिवेंटिव इन्हेलर लंबे समय तक सूजन कम कर रोग की गंभीरता घटाते हैं।
स्व-औषधि और रोग की प्रगति का खतरा
बिना डॉक्टर की सलाह के बार-बार इन्हेलर का प्रयोग रोग के बढ़ते लक्षणों को छिपा सकता है। मरीज बार-बार राहत पाकर यह समझते हैं कि स्थिति नियंत्रण में है, जबकि वास्तव में रोग धीरे-धीरे गंभीर होता जा रहा होता है। यह व्यवहार चिकित्सकीय हस्तक्षेप में देरी कर देता है और जटिलताएं बढ़ा सकता है। अत्यधिक उपयोग से इन्हेलर की प्रभावशीलता भी घट सकती है, जिससे रोगी बिना परामर्श के खुराक बढ़ाने लगते हैं।