विश्व बॉक्सिंग कप फाइनल्स 2025 में भारतीय महिला बॉक्सर का स्वर्ण प्रदर्शन

विश्व बॉक्सिंग कप फाइनल्स 2025 में भारतीय महिला बॉक्सर का स्वर्ण प्रदर्शन

ग्रेटर नोएडा में आयोजित विश्व बॉक्सिंग कप फाइनल्स 2025 में भारतीय महिला मुक्केबाजों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए चार स्वर्ण पदक अपने नाम किए। घरेलू दर्शकों का उत्साह, खिलाड़ियों की निरंतर फॉर्म और मजबूत रणनीति ने भारत को इस ऐतिहासिक सफलता तक पहुँचाने में अहम भूमिका निभाई।

मीनाक्षी हूडा की धमाकेदार शुरुआत

भारत के लिए स्वर्ण पदक की शुरुआत मीनाक्षी हूडा ने की, जिन्होंने 48 किलोग्राम वर्ग में अपने प्रतिद्वंद्वी को 5-0 से पराजित किया। उनके आत्मविश्वास और सटीक तकनीक ने भारतीय टीम को शुरुआती बढ़त दिलाई। मीनाक्षी ने अपने प्रदर्शन का श्रेय कोचिंग स्टाफ और घरेलू दर्शकों के उत्साह को दिया, जिन्होंने शुरुआती दबाव को संभालने में उनकी मदद की।

प्रीति पवार और अरुंधति ने बढ़ाया स्वर्ण अभियान

मीनाक्षी के बाद प्रीति पवार ने 54 किलोग्राम वर्ग में इटली की बॉक्सर को 5-0 से हराकर भारत की झोली में दूसरा स्वर्ण डाला। इसके बाद अरुंधति चौधरी ने उज्बेकिस्तान की प्रतिद्वंद्वी को हराते हुए भारत के लिए तीसरा स्वर्ण जीता। उनकी जीत भी सर्वसम्मति (5-0) के निर्णय से हुई, जिससे भारतीय दल की बढ़त और मजबूत हो गई। दोनों खिलाड़ियों ने अपने अनुशासित खेल और निरंतर अभ्यास को सफलता की कुंजी बताया।

नूपुर श्योराण ने पूरी की स्वर्ण चौकड़ी

80+ किलोग्राम वर्ग में नूपुर श्योराण ने भी अपने प्रतिद्वंद्वी को 5-0 से परास्त करते हुए भारत का चौथा स्वर्ण पदक सुनिश्चित किया। उनकी शक्तिशाली पंच और आक्रामक खेल शैली ने दर्शकों को रोमांचित कर दिया। वहीं, 50 किलोग्राम वर्ग में जदुमणि ने कड़े मुकाबले में रजत पदक हासिल किया, जिससे भारत कुल मिलाकर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले देशों में शामिल हुआ।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • भारत ने 2025 विश्व बॉक्सिंग कप फाइनल्स के दोपहर सत्र में चार स्वर्ण पदक जीते।
  • सभी स्वर्ण पदक मुकाबले 5-0 के अंतर से जीते गए।
  • प्रतियोगिता का आयोजन ग्रेटर नोएडा के विजय सिंह पथिक स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में हुआ।
  • इस टूर्नामेंट में 15 भारतीय मुक्केबाज फाइनल में पहुँचे, जो किसी भी देश के लिए सर्वाधिक संख्या थी।

भारत के इस उत्कृष्ट प्रदर्शन ने महिला मुक्केबाज़ी में देश की गहराई और आत्मविश्वास को दर्शाया है। यह सफलता न केवल भारतीय खेलों के लिए गौरव का क्षण है, बल्कि यह भी प्रमाण है कि भारत अब विश्व स्तर पर मुक्केबाज़ी के नए युग में प्रवेश कर चुका है।

Originally written on November 21, 2025 and last modified on November 21, 2025.

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