विश्व खाद्य मूल्य सूचकांक में फरवरी में वृद्धि दर्ज की गयी

फरवरी 2021 में लगातार नौवें महीने खाद्य की कीमतों में वृद्धि हुई है। यह वृद्धि जुलाई 2014 के बाद से अपने उच्चतम स्तर पर है।

मुख्य बिंदु

खाद्य व कृषि संगठन (FAO) ने कहा कि चीनी और वनस्पति तेलों की कीमतों में उछाल के कारण खाद्य पदार्थों की कीमतें बढ़ी हैं। खाद्य मूल्य सूचकांक एक टोकरी के लिए मासिक परिवर्तनों को मापता है जिसमें अनाज, डेयरी उत्पाद, तिलहन, मांस और चीनी शामिल हैं। जनवरी में 113.0 अंक के मुकाबले फरवरी 2021 में सूचकांक 116.0 अंक पर आ गया था।

मूल्य सूचकांक में बदलाव

फरवरी 2021 में एफएओ द्वारा प्रदान किया गया अनाज मूल्य सूचकांक 1.2% तक बढ़ गया है। ज्वार की कीमतें सबसे अधिक बढ़ी हैं। चीन में बढ़ी हुई मांग के कारण शर्बत के मूल्य सूचकांक में यह वृद्धि हुई है। मक्का और चावल के दाम भी बढ़ गए हैं जबकि गेहूं के निर्यात पर कीमतें स्थिर बनी हुई हैं। चीनी की कीमत में 6.4% की वृद्धि हुई है। इसके अलावा, प्रमुख उत्पादक देशों में उत्पादन में गिरावट और एशिया से मजबूत मांग के कारण वर्ष 2021 में आपूर्ति पर चिंताएं हैं। वनस्पति तेल के मूल्य सूचकांक में भी 6.2% की वृद्धि हुई है जबकि पाम तेल की कीमतों में नौवें महीने की वृद्धि हुई है। डेयरी उत्पादों की कीमतों में 1.7% की वृद्धि हुई है जबकि मांस सूचकांक में 0.6% की वृद्धि हुई है।

FAO का पूर्वानुमान

खाद्य और कृषि संगठन ने 2020 के सीजन में अपने पूर्वानुमान को बढ़ाकर 2.761 अरब टन कर दिया था। पहले इसका अनुमान 2.744 बिलियन था। फरवरी की तुलना में मार्च 2021 के लिए वैश्विक चावल उत्पादन पूर्वानुमान में 2.6 मिलियन टन की वृद्धि हुई थी।

खाद्य मूल्य सूचकांक

खाद्य मूल्य सूचकांक खाद्य और कृषि संगठन द्वारा जारी किया जाता है। यह खाद्य वस्तुओं की टोकरी के अंतरराष्ट्रीय मूल्यों में मासिक परिवर्तन को मापता है।

Originally written on March 5, 2021 and last modified on March 5, 2021.

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