विश्व खाद्य दिवस 2025: बेहतर भोजन और उज्जवल भविष्य की ओर एक साझा प्रयास

विश्व खाद्य दिवस 2025: बेहतर भोजन और उज्जवल भविष्य की ओर एक साझा प्रयास

हर वर्ष 16 अक्टूबर को मनाया जाने वाला विश्व खाद्य दिवस वैश्विक स्तर पर खाद्य सुरक्षा, पोषण और सतत कृषि प्रथाओं के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए समर्पित होता है। यह दिन हमें यह याद दिलाने का अवसर देता है कि आज भी दुनिया में करोड़ों लोग भूख और कुपोषण का सामना कर रहे हैं, जबकि खाद्य उत्पादन में काफी प्रगति हो चुकी है। जीवन का मूल आधार – भोजन – स्वास्थ्य, विकास और समृद्धि के लिए आवश्यक है। इस वर्ष की थीम “बेहतर भोजन और बेहतर भविष्य के लिए हाथ से हाथ मिलाकर” वैश्विक सहयोग की आवश्यकता को दर्शाती है।

भारत की भूमिका: पोषणयुक्त और सतत राष्ट्र निर्माण की दिशा में

विश्व की सबसे बड़ी आबादी वाले देशों में से एक भारत ने खाद्य सुरक्षा और पोषण सुनिश्चित करने के लिए कई महत्वाकांक्षी योजनाएं लागू की हैं। राष्ट्रीय और स्थानीय स्तर पर चलाई जा रही ये योजनाएं बच्चों, महिलाओं, गरीबों और बुजुर्गों तक पोषणयुक्त भोजन पहुंचाने का कार्य कर रही हैं। भारत न केवल दुग्ध और मोटे अनाजों के उत्पादन में अग्रणी है, बल्कि फलों, सब्जियों और मछलियों के उत्पादन में भी विश्व में अग्रणी स्थान रखता है। कृषि निर्यात में भी उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है।

प्रमुख सरकारी पहलें: खाद्य और पोषण सुरक्षा की दिशा में

  • राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (NFSM/NFSNM): 2007-08 में शुरू हुआ यह मिशन खाद्यान्न उत्पादन को बढ़ावा देता है। 2024-25 में इसका नाम बदलकर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा एवं पोषण मिशन कर दिया गया है।
  • राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA): 2013 में लागू हुआ यह अधिनियम 81 करोड़ से अधिक लोगों को रियायती दर पर अनाज उपलब्ध कराता है।
  • प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY): COVID-19 महामारी के दौरान शुरू की गई यह योजना 2024 से अगले पांच वर्षों तक मुफ्त राशन उपलब्ध कराने का काम करेगी।
  • पीएम पोषण योजना (PM POSHAN): स्कूलों में बच्चों को मध्याह्न भोजन देकर पोषण और शिक्षा को एक साथ बढ़ावा देती है।
  • चावल सुदृढ़ीकरण पहल: कुपोषण की समस्या से निपटने के लिए सरकार ने 2024 तक सभी योजनाओं में सुदृढ़ चावल उपलब्ध कराने की घोषणा की थी, जिसे अब 2028 तक बढ़ा दिया गया है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • विश्व खाद्य दिवस की शुरुआत 1981 में “Food Comes First” थीम के साथ हुई थी।
  • इस दिन की नींव FAO (संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन) की स्थापना की वर्षगांठ (1945) पर आधारित है।
  • भारत विश्व में सबसे बड़ा दूध, मोटा अनाज और दूसरा सबसे बड़ा फल-सब्ज़ी उत्पादक देश है।
  • WWF की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय थाली पर्यावरणीय दृष्टि से विश्व की सबसे टिकाऊ आहार प्रणालियों में से एक मानी गई है।
Originally written on October 17, 2025 and last modified on October 17, 2025.

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