विश्व क्षय रोग दिवस कब मनाया जाता है?

विश्व क्षय रोग दिवस पूरे विश्व में 24 मार्च को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य लोगों को इस बीमारी के विषय में जागरूक करना और क्षय रोग की रोकथाम के लिए कदम उठाना है। विश्व टीबी दिवस को विश्व स्वास्थ्‍य संगठन जैसे संस्थानों से समर्थन मिलता है। भारत में टीबी के फैलने का एक मुख्य कारण इस बीमारी के लिए लोगों का सचेत ना होना और इसे शुरूआती दौर में गंभीरता से ना लेना।भारत का योगदानभारत ने विश्व स्वास्थ्य संगठन की निर्धारित समय सीमा से पांच साल पहले 2025 तक भारत को क्षय रोग मुक्त बनाने लक्ष्य तय किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले दिनों ‘टीबी उन्मूलन’ शिखर सम्मेलन के दौरान इस बात की घोषणा की। सरकार की उज्ज्वला योजना भी टीबी कम करने में बड़ी भूमिका निभा रही है साथ ही सरकार ने टीबी को लेकर सख्त रुख अपनाया है। डॉक्टर और अस्पताल प्रबंधन से लेकर दवा दुकानदारों तक को अब मरीज की जानकारी छुपाना महंगा पड़ सकता है।क्षय रोगक्षय रोग के फैलने का सबसे बड़ा कारण है इस बीमारी के प्रति लोगों में जानकारी का अभाव। टीबी (क्षय रोग) यानि ट्यूबरक्लोसिस एक संक्रामक रोग है, जो माइकोबैक्टिरीयम ट्यूबरक्यूलोसिस नाम के बैक्टीरिया की वजह से होता है। ये बीमारी हवा के जरिए एक इंसान से दूसरे में फैलती है। सबसे आम फेफड़ों की टीबी है लेकिन ये गर्भाशय, मुंह, लिवर, किडनी, गला,ब्रेन, हड्डी जैसे शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकती है। टीबी बैक्टीरिया शरीर के जिस भी हिस्से में होता है उसके टिश्यू को पूरी तरह से नष्ट कर देता है और उससे उस अंग का काम प्रभावित होता है।टीबी के लक्ष्ण हैंखांसते समय बलगम में खून का आना,भूख में कमी, थकान और कमजोरी का एहसास, सीने में दर्द, बार बार खांसना, बुखार, गले में सूजन और पेट में गड़बड़ी का होना।

Originally written on April 29, 2018 and last modified on April 29, 2018.

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