विश्व के शीर्ष पासपोर्ट्स में UAE का स्थान: कूटनीतिक सफलता और वैश्विक गतिशीलता में अग्रणी भूमिका
संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने 2025 में एक ऐतिहासिक कूटनीतिक उपलब्धि हासिल की है, जहाँ उसका पासपोर्ट दुनिया के सबसे शक्तिशाली पासपोर्ट्स की सूची में शामिल हो गया है। हेनली पासपोर्ट इंडेक्स 2025 में UAE को 8वां स्थान मिला है, जो देश की दीर्घकालिक विदेश नीति, वैश्विक साझेदारियों और रणनीतिक समझौतों का प्रमाण है।
वैश्विक रैंकिंग और यात्रा की स्वतंत्रता
UAE का पासपोर्ट अब 184 देशों में वीज़ा-मुक्त या वीज़ा-ऑन-अराइवल की सुविधा प्रदान करता है। यह रैंकिंग देश को कई यूरोपीय विकसित देशों के समकक्ष खड़ा करती है और खाड़ी तथा मध्य पूर्व क्षेत्र में इसे सबसे आगे रखती है। यह उपलब्धि केवल यात्रा की सुविधा नहीं, बल्कि वैश्विक मंच पर UAE की साख का भी प्रतीक है।
पासपोर्ट ताकत के पीछे की कूटनीतिक रणनीति
UAE पासपोर्ट की यह वृद्धि कोई संयोग नहीं, बल्कि एक सुव्यवस्थित रणनीति का परिणाम है। पिछले दस वर्षों में सरकार ने परस्पर वीज़ा छूट समझौतों, वैश्विक गतिशीलता ढाँचों में सक्रिय भागीदारी और रणनीतिक साझेदारियों पर विशेष ध्यान दिया। इन प्रयासों ने अंतरराष्ट्रीय संपर्क को सशक्त किया और देश की छवि को एक सहयोगी एवं जिम्मेदार वैश्विक भागीदार के रूप में स्थापित किया।
आर्थिक और सामाजिक प्रभाव
मजबूत पासपोर्ट से UAE नागरिकों के लिए विदेशों में शिक्षा, चिकित्सा, पर्यटन और पेशेवर अवसर प्राप्त करना आसान हुआ है। व्यापारिक दृष्टिकोण से देखें तो प्रमुख बाजारों में प्रवेश सरल होने से सौदों की प्रक्रिया तेज होती है और UAE एक क्षेत्रीय कारोबारी हब के रूप में और सशक्त बनता है। इस यात्रा स्वतंत्रता की पहल, लंबी अवधि की रेजिडेंसी योजनाओं जैसे प्रयासों को भी पूरक बनाती है, जो वैश्विक प्रतिभा और निवेश को आकर्षित करने की दिशा में उठाए गए हैं।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- 2025 में UAE पासपोर्ट 184 देशों में वीज़ा-मुक्त या वीज़ा-ऑन-अराइवल की सुविधा देता है।
- पिछले 10 वर्षों में UAE ने वैश्विक रैंकिंग में 34 स्थान की छलांग लगाई है।
- UAE मध्य पूर्व का एकमात्र देश है जो लगातार शीर्ष 10 पासपोर्ट्स में बना हुआ है।
- हेनली पासपोर्ट इंडेक्स, इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (IATA) के डेटा पर आधारित होता है।
वैश्विक गतिशीलता के बदलते रुझान
UAE की यह सफलता इस तथ्य को रेखांकित करती है कि वैश्विक यात्रा की विशेषाधिकार-संरचना में बदलाव हो रहा है। जहाँ पारंपरिक पश्चिमी शक्तियों की रैंकिंग में गिरावट देखी जा रही है, वहीं एशियाई और खाड़ी देशों ने डिजिटल प्रवेश प्रणाली, इलेक्ट्रॉनिक यात्रा प्राधिकरण और द्विपक्षीय समझौतों के माध्यम से तेज़ी से प्रगति की है। UAE की यह प्रगति यह दर्शाती है कि अब देशों के बीच वैश्विक गतिशीलता को लेकर प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है, जो उनकी आर्थिक और कूटनीतिक रणनीतियों का अहम हिस्सा बन गई है।