विश्व की सबसे बड़ी अनाज भंडारण योजना: भारत के सहकारी क्षेत्र में भंडारण सुधार की दिशा में ऐतिहासिक पहल
भारत सरकार ने सहकारी क्षेत्र में “विश्व की सबसे बड़ी अनाज भंडारण योजना” (World’s Largest Grain Storage Plan in Cooperative Sector) के अंतर्गत एक पायलट परियोजना शुरू की है, जिसका उद्देश्य प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) स्तर पर अनाज भंडारण क्षमता को आधुनिक बनाना और राष्ट्रीय भंडारण घाटे को दूर करना है।
योजना की संरचना और उद्देश्य
इस महत्वाकांक्षी योजना का उद्देश्य विभिन्न केंद्रीय योजनाओं के समन्वय से ग्रामीण स्तर पर उन्नत कृषि अवसंरचना का निर्माण करना है।
- योजना में गोदाम, प्रोसेसिंग यूनिट, फेयर प्राइस शॉप (FPS) और कस्टम हायरिंग सेंटर जैसी सुविधाएं शामिल की गई हैं।
- इसमें AIF (Agri Infra Fund), AMI (Agricultural Marketing Infrastructure), SMAM, और PMFME जैसी योजनाओं का समन्वय किया गया है।
- 31 मई 2023 को मंत्रिमंडल से अनुमोदन के बाद राज्यवार कार्यान्वयन प्रारंभ हुआ, जिसकी निगरानी क्षेत्रीय एजेंसियों के माध्यम से की जा रही है।
पायलट चरण से प्राप्त प्रमुख अनुभव
पायलट परियोजना से कई चुनौतियाँ सामने आईं:
- AMI के अंतर्गत निर्माण लागत मानदंड पुराने थे।
- PACS की वित्तीय क्षमता सीमित होने से परियोजना की गति धीमी रही।
- प्रलेखन मानकीकरण और भाड़े की गारंटी की अनुपस्थिति ने निर्माण में देरी उत्पन्न की।
- PACS का चयन अक्सर उन क्षेत्रों में नहीं हुआ, जहाँ भंडारण की सबसे अधिक आवश्यकता थी।
लागू की गई प्रमुख नीति सुधार
सरकार ने इन चुनौतियों के समाधान हेतु कई सुधार किए हैं:
- AMI निर्माण लागत मानदंड में संशोधन कर समतल क्षेत्रों के लिए ₹7,000/MT और पूर्वोत्तर राज्यों के लिए ₹8,000/MT किया गया।
- PACS को दी जाने वाली सब्सिडी 33.33% तक बढ़ाई गई।
- वजन कांटे, आंतरिक सड़कों और अन्य सहायक अवसंरचना के लिए अतिरिक्त सहायता दी गई।
- AIF के तहत ऋण चुकौती अवधि 2+8 वर्ष कर दी गई।
- FCI द्वारा 2,500 MT और उससे अधिक क्षमता वाले गोदामों के लिए 9 वर्षों की भाड़े की गारंटी दी गई।
- विस्तृत SOPs, मॉडल DPRs और एकीकृत दस्तावेज जारी कर कार्यान्वयन में सरलता लाई गई।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- योजना को 31 मई 2023 को कैबिनेट ने मंजूरी दी।
- AMI निर्माण लागत: ₹7,000/MT (मैदानी क्षेत्र), ₹8,000/MT (पूर्वोत्तर राज्य)।
- PACS के लिए सब्सिडी बढ़ाकर 33.33% की गई।
- FCI द्वारा 2,500 MT+ गोदामों के लिए 9 वर्षों की हायरिंग गारंटी दी गई।
PACS को बहुउद्देशीय केंद्रों में रूपांतरित करने की दिशा
पायलट परियोजना ने यह सिद्ध किया कि PACS गोदामों को खरीद केंद्र, फेयर प्राइस शॉप, और कस्टम हायरिंग सेंटर जैसे बहुउद्देशीय हब के रूप में उपयोग किया जा सकता है।
अब इस योजना को सभी सहकारी समितियों और महासंघों तक विस्तारित किया गया है, ताकि देश में अनाज भंडारण अवसंरचना को मज़बूत किया जा सके और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा लक्ष्य को समर्थन मिल सके।
यह पहल न केवल कृषि अवसंरचना को नया आयाम देगी, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी सशक्त बनाएगी।