विश्व कपास दिवस 2025: “द फैब्रिक ऑफ आवर लाइव्स” थीम के साथ मनाया गया उत्सव

हर वर्ष 7 अक्टूबर को विश्व स्तर पर विश्व कपास दिवस (World Cotton Day) मनाया जाता है। यह दिवस कपास के वैश्विक अर्थव्यवस्था, व्यापार और सतत आजीविका में दिए गए योगदान की याद दिलाता है। पहली बार इसे वर्ष 2019 में विश्व व्यापार संगठन (WTO) के जिनेवा मुख्यालय में मनाया गया था। आज कपास 75 से अधिक देशों में पांच महाद्वीपों में उगाया जाता है और यह दुनिया के सबसे व्यापक रूप से उत्पादित प्राकृतिक रेशों में से एक है।
2025 की थीम और आयोजन
विश्व कपास दिवस 2025 की थीम “द फैब्रिक ऑफ आवर लाइव्स” (The Fabric of Our Lives) रखी गई है, जो यह दर्शाती है कि किस प्रकार कपास दुनिया भर की संस्कृतियों, समुदायों और अर्थव्यवस्थाओं को जोड़ने वाला एक धागा है।इस वर्ष का मुख्य आयोजन संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) मुख्यालय, रोम में आयोजित किया गया। इसे चाड गणराज्य, एफएओ, और इंटरनेशनल ट्रेड सेंटर (ITC) के सहयोग से आयोजित किया गया। इस मंच का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय व्यापार, नवाचार, और समावेशी आर्थिक वृद्धि में कपास क्षेत्र की क्षमता को प्रदर्शित करना था। इसके साथ ही मूल्य श्रृंखला के हर स्तर पर उत्पादकता और डिजाइन-आधारित नवाचार को प्रोत्साहित करने पर भी जोर दिया गया।
भारत में कपास खरीदारी की तैयारियाँ
भारत में भी इस अवसर पर कपास खरीद सीजन की शुरुआत की तैयारी जोरों पर है। तेलंगाना में इस सप्ताह से कपास निगम (CCI) और जिनिंग मिलों द्वारा खरीद प्रक्रिया शुरू होने की उम्मीद है। किसान संगठनों ने किसानों से अपील की है कि वे निजी व्यापारियों को सस्ते दामों पर फसल बेचने के बजाय सरकारी खरीद केंद्रों पर पंजीकरण करें, ताकि उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का पूरा लाभ मिल सके।केंद्र सरकार ने देशभर में 11 प्रमुख कपास उत्पादक क्षेत्रों में 550 खरीद केंद्र स्थापित किए हैं, जिससे किसानों को आसानी से अपनी फसल बेचने की सुविधा मिलेगी और परिवहन संबंधी कठिनाइयाँ भी कम होंगी।
कपास का वैश्विक और सामाजिक महत्व
कपास केवल एक वस्त्र का रेशा नहीं, बल्कि करोड़ों लोगों की आजीविका का आधार है। विशेषकर विकासशील और अल्प-विकसित देशों में यह कृषि से लेकर वस्त्र उद्योग तक लाखों रोजगार अवसर प्रदान करता है। आज कपास उत्पादन में सतत कृषि पद्धतियाँ, तकनीकी नवाचार, और समान व्यापार (Fair Trade) जैसी अवधारणाएँ केंद्र में हैं, जो पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक समावेशन को भी मजबूत करती हैं।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- विश्व कपास दिवस पहली बार 7 अक्टूबर 2019 को WTO, जिनेवा में मनाया गया था।
- यह दिवस “C-4 देशों” (बेनिन, बुर्किना फासो, चाड और माली) की पहल पर प्रारंभ हुआ था।
- भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा कपास उत्पादक देश है, चीन के बाद।
- एक किलो कपास तैयार करने के लिए औसतन 10,000 लीटर पानी की आवश्यकता होती है।