विशेष पुनरीक्षण (SIR) के दूसरे चरण की घोषणा: 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता सूची अद्यतन

विशेष पुनरीक्षण (SIR) के दूसरे चरण की घोषणा: 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता सूची अद्यतन

भारतीय निर्वाचन आयोग (ECI) ने 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) के दूसरे चरण की घोषणा की है। यह प्रक्रिया 4 नवंबर 2025 से शुरू होकर 7 फरवरी 2026 को अंतिम मतदाता सूचियों के प्रकाशन के साथ पूर्ण होगी। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने इस संबंध में नई दिल्ली में प्रेस वार्ता के दौरान जानकारी दी।

किन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में होगा पुनरीक्षण

इस एक महीने की व्यापक पुनरीक्षण प्रक्रिया में अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, लक्षद्वीप, मध्य प्रदेश, पुडुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, केरल और पुडुचेरी में 2026 में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं। वहीं, असम को इस सूची से बाहर रखा गया है क्योंकि वहां नागरिकता और मतदाता पंजीकरण के लिए विशेष नियम लागू होते हैं।

पुनरीक्षण की समयसीमा और प्रक्रिया

निर्वाचन आयोग के अनुसार, प्रशिक्षण और प्रारंभिक तैयारियाँ 28 अक्टूबर से 3 नवंबर 2025 तक होंगी। उसके बाद 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक नामांकन और सत्यापन की प्रक्रिया चलेगी। प्रारंभिक मतदाता सूची 12 दिसंबर को प्रकाशित होगी और उस पर दावा और आपत्ति दर्ज करने की अवधि 9 दिसंबर से 8 जनवरी 2026 तक खुली रहेगी। अंतिम सत्यापन और सुनवाई फरवरी की शुरुआत तक चलेगी, जिसके पश्चात 7 फरवरी 2026 को अंतिम मतदाता सूची जारी की जाएगी।
इस दौरान बूथ स्तर के अधिकारी (BLO) प्रत्येक घर तक जाकर विशिष्ट फॉर्म वितरित करेंगे। 2003 की सूची में पहले से दर्ज या उससे जुड़े मतदाताओं को नए दस्तावेज प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं होगी।

आधार और दस्तावेज सत्यापन को लेकर स्पष्टता

9 सितंबर को सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के आलोक में, निर्वाचन आयोग ने आधार को 12 मान्य पहचान दस्तावेजों में से एक के रूप में मान्यता दी है। हालांकि, इसे नागरिकता या आयु के प्रमाण के रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने स्पष्ट किया कि आधार का उपयोग केवल पहचान और ई-साइनिंग के लिए किया जा सकता है। आयोग ने 2002 से 2004 के बीच की पुरानी मतदाता सूचियों को ऑनलाइन उपलब्ध करा दिया है, जिससे मतदाता स्व-पुष्टि कर सकते हैं।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की अंतिम मतदाता सूची 7 फरवरी 2026 को प्रकाशित होगी।
  • आधार कार्ड को केवल पहचान प्रमाण के रूप में स्वीकार किया जाएगा, नागरिकता या उम्र के प्रमाण के रूप में नहीं।
  • 27 अक्टूबर 2025 की मध्यरात्रि तक की जानकारी पर मतदाता सूची “फ्रीज” कर दी जाएगी।
  • प्रत्येक मतदान केंद्र पर मतदाताओं की संख्या 1,200 तक सीमित की जाएगी।

प्रक्रियागत सुधार और सुविधा उपाय

बिहार में हुई पुनरीक्षण प्रक्रिया से सीख लेते हुए, आयोग ने नए उपाय लागू किए हैं, जैसे कि सटीकता सुनिश्चित करने हेतु BLO द्वारा एक घर में तीन बार तक दौरा किया जाएगा। मतदाता अब ऑनलाइन फॉर्म भी जमा कर सकते हैं। भीड़भाड़ को कम करने और सुविधाजनक मतदान हेतु आयोग ने गेटेड कम्युनिटी, ऊंची इमारतों और झुग्गी बस्तियों में नए मतदान केंद्र स्थापित करने की योजना बनाई है। मतदाता सूची अधिकारी के निर्णय के विरुद्ध अपील 15 दिनों के भीतर जिलाधिकारी या राज्य मुख्य निर्वाचन अधिकारी के समक्ष की जा सकती है।

Originally written on October 28, 2025 and last modified on October 28, 2025.

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