विलुप्ति की कगार पर खड़े इंड्री लीमुर की आंतों में पाई गई 47 नई बैक्टीरिया प्रजातियाँ

मेडागास्कर के उत्तर-पूर्वी उष्णकटिबंधीय वनों में पाए जाने वाले संकटग्रस्त इंड्री लीमुर (Indri indri) पर किए गए एक नवीनतम शोध में वैज्ञानिकों ने पहली बार इसके आंतों में मौजूद माइक्रोबायोम की संरचना का विश्लेषण किया है। यह अध्ययन पोम्पेऊ फैबरा विश्वविद्यालय (स्पेन) और इटली के ट्रेंटो विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के बीच एक सहयोगात्मक प्रयास था। इस शोध के निष्कर्ष न केवल वैज्ञानिक दृष्टि से अहम हैं, बल्कि प्रजाति संरक्षण के लिहाज़ से भी दूरगामी प्रभाव डाल सकते हैं।

इंड्री का जीवन और पारिस्थितिकी

इंड्री, जिसे स्थानीय भाषा में ‘बाबाकोतो’ कहा जाता है, मेडागास्कर के वर्षावनों में पेड़ों पर रहने वाला एक पत्तियाँ, फल, बीज, फूल, छाल और कभी-कभी मिट्टी खाने वाला जीव है। यह प्रजाति आईयूसीएन की रेड लिस्ट में ‘अत्यंत संकटग्रस्त’ के रूप में सूचीबद्ध है। कारण है—तेजी से घटते वन क्षेत्र, जलवायु परिवर्तन और मानवीय गतिविधियाँ।
इंड्री छोटे परिवारों में रहते हैं, आमतौर पर दो से पांच सदस्यों के स्थिर सामाजिक समूहों में। ये मोनोगैमी (एक साथी के साथ जीवन भर का संबंध) में विश्वास रखते हैं और मातृसत्तात्मक समाज में रहते हैं। प्रत्येक समूह का अपना स्पष्ट रूप से परिभाषित क्षेत्र होता है, और अन्य समूहों से बहुत कम संपर्क होता है। अब तक इंड्री को कभी भी कैद में जीवित नहीं रखा जा सका है।

शोध के प्रमुख निष्कर्ष

वैज्ञानिकों ने छह इंड्री परिवारों के मल और उनके आवास की मिट्टी के नमूनों का विश्लेषण कर 48 बैक्टीरिया प्रजातियों की पहचान की। इनमें से 47 प्रजातियाँ अब तक वैज्ञानिकों के लिए अज्ञात थीं और केवल इंड्री लीमुर के माइक्रोबायोम में पाई गईं।
शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि:

  • इंड्री के माइक्रोबायोम की संरचना उनके सामाजिक समूह के भीतर संचारित होती है।
  • वे मिट्टी खाते हैं, लेकिन उनके माइक्रोबायोम में मिट्टी से कोई बैक्टीरिया नहीं आता।
  • सभी इंड्री में समान बैक्टीरिया प्रजातियाँ होती हैं, लेकिन प्रत्येक परिवार के बैक्टीरिया स्ट्रेन अलग होते हैं, और ये स्ट्रेन एक-दूसरे से आनुवांशिक रूप से भिन्न होते हैं।
  • इंसानों के संपर्क वाले क्षेत्रों के पास रहने वाले इंड्री में केवल एक ज्ञात बैक्टीरिया—ई.कोलाई—पाया गया।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • इंड्री लीमुर मेडागास्कर का स्थानिक (endemic) प्राणी है, यानी यह केवल वहीं पाया जाता है।
  • यह अब तक कैद में जीवित नहीं रखा जा सका है, जिससे इसका संरक्षण केवल प्राकृतिक आवास में ही संभव है।
  • माइक्रोबायोम शब्द उस समग्र जीवाणु समुदाय को दर्शाता है जो किसी जीव के शरीर (विशेषकर आंतों) में मौजूद होता है।
  • यह शोध The ISME Journal में प्रकाशित हुआ है, जो सूक्ष्मजीव पारिस्थितिकी से जुड़ी एक प्रतिष्ठित पत्रिका है।

इस शोध से यह स्पष्ट होता है कि इंड्री केवल एक प्रजाति नहीं, बल्कि अपने साथ एक अनोखी जीवाणु दुनिया को भी लिए हुए है। यदि इंड्री विलुप्त हो गए, तो उनके साथ इन अद्वितीय बैक्टीरिया प्रजातियों का भी अंत हो जाएगा। इसलिए, इंड्री के प्राकृतिक आवासों की रक्षा न केवल इस विशिष्ट प्राणी के लिए, बल्कि जैव विविधता के व्यापक संरक्षण के लिए भी अत्यंत आवश्यक है।

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