विद्युत् वाहन (EV) खरीद के लिए और सब्सिडी दी जानी चाहिए : नीति आयोग

नीति आयोग ने हाल ही में कहा कि भारत सरकार को FAME II योजना के तहत प्रदान की जा रही मौजूदा सब्सिडी के अलावा और उससे अधिक सब्सिडी इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद के लिए देनी चाहिए। साथ ही, इलेक्ट्रिक वाहन खरीद के लिए ली गई ऋण राशि पर ब्याज सबवेंशन प्रदान करने की सिफारिश की गयी है।
नीति ने क्या सिफारिशें की हैं?
- ब्याज सबवेंशन और अतिरिक्त सब्सिडी के अलावा, नीति आयोग ने गैर-वित्तीय प्रोत्साहन बनाने की भी सिफारिश की है। इसमें वाणिज्यिक परिसरों में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए विशेष पार्किंग, विद्युत् वाहनों के लिए प्राथमिकता लेन शामिल हैं।
- नीति आयोग ने यह भी सिफारिश की है कि ग्रीन ज़ोन को उन शहरों के भीतर सीमांकित किया जाना चाहिए जो केवल इलेक्ट्रिक वाहनों की अनुमति देते हैं।
- नीति आयोग के अनुसार पारंपरिक ईंधन वाहनों पर भारी कर लगाया जाना चाहिए।
- ग्रीन कॉरिडोर बनाए जाने चाहिए जो केवल ई-बसों की अनुमति दें।
- विद्युत् वाहनों के चार्जिंग बुनियादी ढांचे पर निवेश करने के लिए एक राष्ट्रीय स्तर की नीति तैयार की जानी चाहिए।
- देश में वित्तीय संस्थानों को अपनी ऋण सुविधा को इलेक्ट्रिक मोबिलिटी क्षेत्र तक बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
- चार्जिंग इन्फ्रा डेवलपर को भूमि के एक हिस्से को खुली सार्वजनिक सुविधाओं जैसे कि फूड ज़ोन, कैफेटेरिया आदि के लिए आवंटित करना चाहिए। इस तरह के प्रावधान मध्य प्रदेश ईवी पॉलिसी (Madhya Pradesh EV Policy) में शामिल किए गए हैं।
सिफारिशें क्यों की गईं?
सरकार ने राष्ट्रीय इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन योजना, 2020 (National Electric Mobility Mission Plan, 2020) को अधिसूचित किया था जिसका उद्देश्य ईवी की घरेलू विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाना है। इसके अलावा, EV बाजार को प्रोत्साहित करने के लिए FAME II योजना शुरू की गई थी। इन सभी उपायों के बावजूद, देश में वाहन बिक्री की कुल बिक्री में ईवी का हिस्सा सिर्फ 1% है। इसलिए, नीति आयोग ने यह सिफारिशें प्रस्तुत की हैं।
Originally written on
April 30, 2021
and last modified on
April 30, 2021.