वित्त वर्ष 22 में भारत 10.22% की वृद्धि दर्ज करेगा : SBI रिपोर्ट

भारतीय स्टेट बैंक ने हाल ही में वित्त वर्ष 2021-22 के लिए भारत की विकास दर को संशोधित कर 10.4% कर दिया है। इससे पहले, बैंक ने 11% के रूप में विकास दर की भविष्यवाणी की थी। COVID-19 के बढ़ते संकट के कारण SBI ने देश की विकास दर पर अंकुश लगाया है।
एसबीआई की रिपोर्ट से किए गए सुझाव
- इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत सरकार को लॉकडाउन की बजाय टीकाकरण के प्रयासों में वृद्धि करनी चाहिए।
- इस रिपोर्ट के अनुसार, 13 प्रमुख राज्यों में आधी आबादी को टीका लगाने की लागत देश के सकल घरेलू उत्पाद का 1% या राज्यों के स्वास्थ्य बजट का 15% से 20% होगी। इन अनुमानों के आधार पर यह अनुमान लगाया गया है कि केंद्र आधी आबादी का टीकाकरण करने की लागत वहन करेगा।
COVID-19 के कारण आर्थिक नुकसान
- मौजूदा प्रतिबंधों के कारण होने वाले आर्थिक नुकसान का अनुमान 5 लाख करोड़ रुपये है।अकेले महाराष्ट्र ने इन घाटे में 54% का योगदान दिया।
- एसबीआई की व्यावसायिक गतिविधियाँ अप्रैल, 2021 में पाँच महीने के निचले स्तर पर पहुँच गईं।
- सभी राज्यों में से, महाराष्ट्र COVID-19 से बुरी तरह प्रभावित हुआ है।महाराष्ट्र को हुए नुकसान का अनुमान 82,000 करोड़ रुपये है।
भारत में हालात कब सामान्य होंगे?
इस रिपोर्ट में अन्य देशों में वैक्सीन ड्राइव का विश्लेषण किया गया है। इसके विश्लेषण के अनुसार, 15% आबादी को COVID-19 वैक्सीन लगाने के साथ विदेशों में संक्रमण को स्थिर किया गया था। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत दिसंबर 2021 तक 15% आबादी का टीकाकरण करेगा।
Originally written on
April 23, 2021
and last modified on
April 23, 2021.