विजय दिवस पर वायुसेना का भव्य एयर शो: 1971 की जीत और आधुनिक ताकत का संगम
भारतीय वायुसेना ने विजय दिवस के उपलक्ष्य में असम के डिब्रूगढ़ स्थित वायुसेना स्टेशन मोहनबाड़ी पर एक भव्य और विस्तृत हवाई प्रदर्शन का आयोजन किया। यह कार्यक्रम 1971 के युद्ध में भारत की ऐतिहासिक विजय और बांग्लादेश की मुक्ति में वायुसेना की निर्णायक भूमिका को सम्मानित करने के लिए आयोजित किया गया था। इस आयोजन के माध्यम से न केवल अतीत की गौरवगाथा को पुनः स्मरण किया गया, बल्कि भारतीय वायुसेना की वर्तमान क्षमताओं का भी व्यापक प्रदर्शन किया गया।
1971 के युद्ध की स्मृतियाँ और वायुसेना की भूमिका
कार्यक्रम के दौरान वायुसेना प्रमुख ने 1971 के युद्ध में भारतीय वायुसेना द्वारा निभाई गई अहम भूमिका को रेखांकित किया।
13 दिनों तक चले इस अभियान में वायुसेना ने पूर्वी और पश्चिमी दोनों मोर्चों पर सटीक हमले किए, जिससे पाकिस्तान की सेना को आत्मसमर्पण के लिए बाध्य होना पड़ा।
विशेष रूप से पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में किए गए एयरड्रॉप्स, रणनीतिक ठिकानों पर हमले और जमीनी सेना को हवाई सहायता ने युद्ध का रुख भारत के पक्ष में मोड़ दिया।
समन्वित सैन्य अभियान की अहमियत
उच्च सैन्य अधिकारियों ने 1971 के युद्ध में तीनों सेनाओं—थल सेना, नौसेना और वायुसेना—के बीच उत्कृष्ट समन्वय की सराहना की।
नदी पार करने के अभियान, युद्ध सामग्री की आपूर्ति और दुश्मन ठिकानों पर सटीक हमले, ये सभी तब संभव हुए जब सेनाओं ने मिलकर काम किया।
वायुसेना ने यह भी स्पष्ट किया कि वर्तमान में चल रहे प्रशिक्षण और तैयारियाँ इसी इंटरऑपरेबिलिटी की परंपरा को ध्यान में रखते हुए की जाती हैं, ताकि किसी भी परिस्थिति में संयुक्त रूप से प्रतिक्रिया दी जा सके।
एयर शो और जन भागीदारी
पांच घंटे तक चले इस कार्यक्रम में सुखोई Su-30 लड़ाकू विमान, डोर्नियर Do-228 निगरानी विमान, एएन-32 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट, तथा चिनूक और Mi-17 हेलीकॉप्टरों ने हिस्सा लिया।
इन विमानों की करतबों और मिशन प्रदर्शन ने उपस्थित जनसमूह—जिसमें युद्धवेतान, गणमान्य व्यक्ति और स्कूली छात्र शामिल थे—को मंत्रमुग्ध कर दिया।
कार्यक्रम में 1971 के युद्ध पर आधारित एक विशेष फिल्म तथा प्रदर्शनी भी आयोजित की गई, जिसने ऐतिहासिक संदर्भ को और समृद्ध बनाया।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- विजय दिवस 16 दिसंबर को मनाया जाता है, जो 1971 में भारत की जीत और बांग्लादेश की स्थापना का प्रतीक है।
- भारतीय वायुसेना ने युद्ध के दौरान सटीक हवाई हमले और समर्थन अभियानों के माध्यम से निर्णायक भूमिका निभाई।
- मोहनबाड़ी, डिब्रूगढ़ में आयोजित इस कार्यक्रम में Su-30, Do-228, AN-32, Chinook और Mi-17 जैसे प्रमुख विमान प्रदर्शित किए गए।
- इस आयोजन का संचालन ईस्टर्न एयर कमांड ने किया।
इस भव्य आयोजन ने एक ओर जहां 1971 की विजय को श्रद्धांजलि दी, वहीं दूसरी ओर भारतीय वायुसेना की आधुनिक युद्ध क्षमताओं और रणनीतिक तत्परता को भी प्रदर्शित किया। यह कार्यक्रम न केवल गौरवशाली अतीत को सम्मान देता है, बल्कि भविष्य की रक्षा तैयारियों का भी स्पष्ट संकेत है।